राजनांदगांव। 93 लाख रुपये के तेंदूपत्ता घोटाले के मामले में आरोपितों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस प्रकरण में दर्ज एफआईआर में कारोबारी सुधीर मानेक अलावा वन विभाग के नौ कर्मचारी आरोपित हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपितों से प्रारंभिक पूछताछ की गई थी। बताया जा रहा है कि अब इनकी गिरफ्तारी की तैयारी है।
गौरतलब है कि, राजनांदगांव के गुरूकृपा गोदाम में भंडारित तेंदूपत्ता के बोरे बदलकर और उच्च गुणवत्ता के पत्तों को निकाल कर यह पूरी गड़बड़ी की गई थी। शिकायत के आधार पर विभागीय अफसरों ने इसकी जांच की और सही पाया। भंडारण किए गए 7348 बोरे तेन्दूपत्ता में से 2669 बोरे गायब पाए गए। घटना में शासन को 93 लाख 34 हजार से अधिक की आर्थिक क्षति सामने आई।
गोदाम प्रभारी ने दर्ज करवाई थी एफआईआर
इस मामले में जून में मुख्य गोदाम प्रभारी प्रमिला जुरेशिया ने एफआइआर दर्ज करवाई थी। प्रकरण में तेंदूपत्ता क्रेता सुधीर मानेक, तत्कालीन मुख्य गोदाम प्रभारी माखनलाल बंजारे, तत्कालीन गोदाम प्रभारी जीवनलाल देशमुख, चौकीदार सुनील ठाकुर, सुरक्षा श्रमिक: जावेद, दिनेश, निरंजन सिंह, ईश्वर साहू, यशवंत धनकर, तीज राम मंडावी आरोपित हैं। इन सभी के खिलाफ धारा 61(2), 316(2), 316(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है।