राजनेता बनना चाहता था, चुनाव हारा तो बन गया ठग:किशनगढ़ में सैकड़ों करोड़ की ठगी का दूसरा मास्टरमाइंड चलाता था मोबाइल रिपेयरिंग शॉप

राजस्थान के किशनगढ़ में डॉलर-यूरो में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी के मास्टरमाइंड लोकेश चौधरी और रामदयाल चौधरी कुछ साल पहले तक साधारण जिंदगी जी रहे थे। फिर ट्रेडिंग कंपनियों के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए समेटकर फरार हो गए।

EFOM कंपनी खोलकर ठगी करने वाला रामदयाल चौधरी पहले मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता था। साइकिल से सफर करता था। इसी तरह VIP ट्रेड के जरिए बड़े-बड़े बिजनेसमैन से लेकर मजदूरों को ठगने वाला लोकेश चौधरी बड़ा नेता बनना चाहता था। लोकेश ने छात्र राजनीति से लेकर वार्ड पार्षद के चुनाव में भी भाग्य आजमाया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

लोकेश चौधरी : नेता बनना चाहता था, चुनाव हारा तो शुरू किया ठगी का खेल मूल रूप से हरमाड़ा गांव हाल किशनगढ़ निवासी लोकेश (बाना) चौधरी पॉलिटिक्स में भी एक्टिव रहा था। उसने छात्र राजनीति से लेकर शहर की राजनीति में भी किस्मत आजमाई, पर सफलता नहीं मिली। साल 2020 के निकाय चुनाव में लोकेश ने किशनगढ़ शहर के वार्ड संख्या एक से अपनी मजबूत दावेदारी पेश की थी। किसी भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया।

इसके बाद भी वो पॉलिटिकल एक्टिव रहा। इसी दौरान उसने डॉलर-यूरो, विदेशी मुद्रा में निवेश कर ज्यादा और जल्दी कमाई का झांसा देकर अपना शिकार बनाने का खेल शुरू किया। साल 2022 में उसने VIP ट्रेड कंपनी शुरू की। निवेशकों में अपनी धमक दिखाने के लिए वो नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाता था। इस काम में उसके कई सहयोगी थी, जिनकी ठगी में भूमिका थी। सबसे बड़ा चेहरा है अब्दुल समद।

एक अनुमान के मुताबिक, लोकेश चौधरी की कंपनी वीआईपी ट्रेड के जरिए लोगों के करोड़ों रुपए इन्वेस्ट हुए थे। अभी तक कंपनी के खिलाफ करीब 22 लोगों ने किशनगढ़ के दो अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज करवाए हैं।

 

Advertisements