सुल्तानपुर : सावन मास के चौथे सोमवार को चाँदा के शाहपुर जंगल स्थित प्रसिद्ध श्री गौरीशंकर धाम में आस्था का सैलाब उमड़ा.लगातार हो रही बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की भक्ति में कोई कमी नहीं आई. सुबह से ही भक्तों का तांता गोमती नदी के तट पर स्थित इस शिवधाम की ओर लगा रहा.पूरे इलाके में ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष गूंजते रहे.
भोर से ही स्थानीय और दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने लंबी कतारों में खड़े होकर स्वयंभू शिवलिंग का जलाभिषेक किया. भक्तों ने गंगाजल, दूध और बेलपत्र चढ़ाकर शिव आराधना की। पुजारी गोविंद गोस्वामी के अनुसार यह मंदिर लोगों की अगाध आस्था का प्रतीक है. यहाँ स्थापित शिवलिंग स्वयंभू स्वरूप में प्रकट हुआ है.जनविश्वास है कि सच्चे मन से की गई अराधना यहां अवश्य फलदायक होती है.
श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी.मंदिर समिति ने भी सफाई और लाइन प्रबंधन की विशेष व्यवस्था की थी.पुलिस बल की तैनाती से भीड़ को संभालने में मदद मिली।धाम के चारों ओर झूले, मिठाई, चूड़ी और खिलौनों की दुकानें सजी थीं.इससे वातावरण में मेले जैसा माहौल बन गया था.
बच्चे झूलों और खिलौनों का आनंद उठाते दिखे.महिलाएं चूड़ी और श्रृंगार सामग्री की खरीदारी में व्यस्त रहीं.हालांकि, निरंतर बारिश के कारण पिछले सप्ताहों की तुलना में मेले की रौनक कुछ कम रही.धाम परिसर में कई स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारे लगाए गए थे.बारिश के बावजूद सेवाभावी कार्यकर्ताओं ने प्रसाद वितरण में कोई कमी नहीं रखी.भक्तों ने आदरपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया.
श्री गौरीशंकर धाम तक पहुंचने वाला कच्चा मार्ग बड़ी समस्या बनकर सामने आया.बारिश से सड़क कीचड़ में बदल गई और रास्ता अत्यधिक फिसलन भरा हो गया। कई श्रद्धालु इस रास्ते पर फिसलकर गिर पड़े.श्रद्धालुओं ने धाम को पक्की सड़क से जोड़ने की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर दोहराई है.