मैहर : नगर का गोला मठ मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है.यह भगवान शिव को समर्पित है और कलचुरी काल की स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण है.इस मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में एक ही पत्थर से किया गया था.
मंदिर के गर्भगृह में प्राचीन शिवलिंग स्थापित है.इसके बाहर नंदी भगवान की पत्थर की प्रतिमा विराजमान है.पत्थरों पर की गई बारीक नक्काशी इस मंदिर की ऐतिहासिकता और कलात्मकता को दर्शाती है.लोक मान्यता है कि यह मंदिर एक ही रात में निर्मित हुआ था. शिवलिंग का जलाभिषेक करते श्रद्धालु.
सावन माह के चौथे और अंतिम सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.भक्तजन लंबी कतारों में लगकर भोलेनाथ का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं.’हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयघोष से मंदिर परिसर गूंज उठता है.
श्रद्धालु शिव को प्रसन्न करने के लिए दूध, दही, भांग, धतूरा, बेलपत्र और पुष्प अर्पित करते हैं.इस अवसर पर मंदिर को सजाया जाता है.भक्तों की सुविधा के लिए प्रशासन और मंदिर समिति विशेष व्यवस्थाएं की गई है.सावन में की गई सच्ची भक्ति से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है – ऐसी मान्यता है.पूरे दिन श्रद्धालुओं की आवाजाही से मंदिर परिसर भक्तिमय बना रहता है.कई स्थानों पर भंडारे और धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं, जो पूरे क्षेत्र को आस्था और उल्लास से भर देते हैं.