सरकारी खर्चे से मंदिरों की यात्रा, शिक्षा का मंदिर गिरा तो नहीं आए CM : डोटासरा

झालावाड़: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा अपने दो दिवसीय झालावाड़ दौरे पर हैं, जहां उन्होंने पीपलोदी हादसे के घायल बच्चों से मुलाकात की.डोटासरा ने अपने चिर परिचित अंदाज में राजस्थान सरकार पर जबरदस्त हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री असहाय और लाचार हैं, कोई काम अपनी मर्जी से नहीं कर सकते, सरकारी खर्चे से मंदिरों की यात्रा तो करते हैं लेकिन झालावाड़ में शिक्षा का मंदिर गिरा तो वह नहीं आए, जबकि बिरला के आवास पर चाय पकोड़े और गपशप के लिए पांच-पांच घंटे बैठे रहते हैं. 

पीपलोदी हादसे को लेकर उन्होंने सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया तथा सरकार द्वारा 10 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने पर उन्होंने मुख्यमंत्री और राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीपलोदी स्कूल हदसे जैसी बड़ी मुसीबत के समय फैसला और घोषणाएं राज्य के मुखिया को अपने विवेक से फैसला लेकर करनी होती है, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री की तरफ से अब तक ना तो कोई घोषणा इन बच्चों के लिए की गई, ना ही वह खुद यहां आए. डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लाचार और असहाय बताते हुए कहा कि वह कोई भी फैसला अपनी मर्जी से नहीं ले सकते. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से फैसला नहीं ले सकते और दिल्ली वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीता है और कौन मरता है.

अफसर शाही के रिमोट से चल रही सरकार
डोटासरा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है, यहां जनप्रतिनिधियों की भी कोई पूछ नहीं है, फिलहाल तो राजस्थान सरकार अफसर शाही के रिमोट कंट्रोल से चल रही है। जब तक दिल्ली से पर्ची नहीं आ जाती मुख्यमंत्री कुछ नहीं करते.

सिस्टम की लापरवाही ने ली मासूमों की जान
पीपलोदी हादसे को लेकर डोटासरा ने कहा कि इस हादसे से हर कोई स्तब्ध रह गया, उन्होंने कहा कि सिस्टम की लापरवाही ने सात मासूमों की जान ले ली तथा सात घरों के कुलदीपक बुझ गए. सरकारी यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि उनके लापरवाही से यह हो गया. शिक्षा मंत्री नैतिक जिम्मेदारी तो ले रहे हैं लेकिन इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। शिक्षा मंत्री यह कह रहे हैं कि अब हम जांच नहीं कर सकते क्योंकि वह बिल्डिंग गिर गई है. सवाल अब यह उठता है कि आखिर वह बिल्डिंग आनन फानन में क्यों गिरा दी गई. शिक्षकों को और शिक्षा अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया. हादसे के समय शिक्षा मंत्री का फूलों की वर्षा करवाना और स्वागत सत्कार करवाना बेहद शर्मनाक है.

जान वापस नहीं आती पर दर्द बांटने तो आना था
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को तुरंत यहां पर आना था, तथा सारे हालातो का जायजा लेकर पीड़ितों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए थी. हादसे को इतने दिन बीत गए लेकिन मुख्यमंत्री ने ना तो यहां का दौरा किया, ना ही किसी सार्वजनिक सभा में झालावाड़ के हादसे पर दुख प्रकट किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बिरला के आवास पर चाय पकौड़े और गपशप के लिए पांच-पांच घंटे बैठे रहते हैं लेकिन सरकारी खर्चे के हेलीकॉप्टर से भी वह झालावाड़ नहीं आ सके. हम मानते हैं कि किसी के आने से जान वापस नहीं आ सकती, लेकिन दर्द बांटने तो आना था.





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