बिहार: डोनाल्ड ट्रंप के नाम से बना फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र रद्द, साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज

बिहार में फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने का अजब गजब खेल जारी है. समस्तीपुर जिला प्रशासन ने एक ऐसे ही गंभीर फर्जीवाड़े का समय रहते पर्दाफाश करके उसे रद्द कर दिया है. बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम (RTPS) के तहत समस्तीपुर जिले के मोहीउद्दीननगर प्रखंड (पटोरी अनुमंडल) में प्राप्त एक फर्जी आवासीय प्रमाणपत्र आवेदन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम और फोटो का इस्तेमाल किया गया था. जैसे ही यह आवेदन संज्ञान में आया प्रशासन ने तत्काल गंभीरता दिखाई. आवेदन को रद्द करते हुए साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई.

मामले में सर्वप्रथम सतर्कता दिखाई प्रखंड की राजस्व पदाधिकारी (Revenue Officer), जो एक महिला अधिकारी हैं, उन्होंने आवेदन की गहन जांच के बाद उसमें गलत तथ्यों एवं फर्जी दस्तावेजों की पहचानते करते हुए तत्काल संबंधित वरीय पदाधिकारियों को सूचित किया और विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित कराई.

आवेदक का नाम डोनाल्ड जॉन ट्रम्प

मूल आवेदन में आवेदक का नाम डोनाल्ड जॉन ट्रम्प, पिता का नाम फैडरिक क्रिस्ट ट्रम्प और फोटो में डोनाल्ड ट्रम्प का चेहरा था. इसी के साथ नकली आधार कार्ड भी संलग्न किया गया था. इसे हरी साइबर धोखाधड़ी और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग माना गया.

प्रशासन ने स्पष्ट किया कि “सरकारी सेवाओं में फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग पूर्णतः अस्वीकार्य है. ऐसे कृत्यों पर जिला प्रशासन द्वारा ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति अपनाते हुए कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.”

सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता

इस कार्रवाई से यह संदेश भी दिया गया है कि सरकारी सेवाओं की डिजिटल प्रणाली में पारदर्शिता, सत्यता एवं सुरक्षा सर्वोपरि है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि सोशल मीडिया पर किसी मजाक या सनसनी के इरादे से किया गया कार्य भी यदि सरकारी प्रक्रिया से जुड़ता है, तो वह गंभीर अपराध माना जाएगा और अपराधी को दंडित किया जाएगा.

आम लोगों से सतर्कता की अपील

प्रशासन ने आम नागरिकों से यह भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के सरकारी प्रमाणपत्र या सेवा के लिए सत्य एवं प्रमाणिक दस्तावेजों का ही उपयोग करें. किसी भी प्रकार की जानबूझकर की गई ग़लत जानकारी या फर्जीवाड़ा, आवेदन अस्वीकृति के साथ-साथ आपराधिक अभियोजन का कारण बन सकता है.

इस घटना ने प्रशासनिक सजगता, महिला अधिकारियों की भूमिका और तकनीकी दक्षता से एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया है कि सरकारी तंत्र अब न केवल डिजिटल है, बल्कि सतर्क, उत्तरदायी और विधिपूर्वक सजग भी है.

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