रूस के साथ नई दिल्ली के निरंतर तेल व्यापार के कारण भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस कदम से अमेरिकी बाजार में भारत के निर्यात पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
थरूर ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह हमारे लिए कोई खास अच्छी खबर है, और इससे हमारा कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो जाएगा. इससे अमेरिका में बहुत से लोगों के लिए हमारे सामान खरीदना मुश्किल हो जाएगा.”
भारत के प्रतिस्पर्धियों को कम टैरिफ व्यवस्था से कैसे लाभ होता है, इस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “खासकर, जब आप इन प्रतिशतों को देखते हैं. उन्होंने कहा कि इसकी तुलना कुछ प्रतिस्पर्धियों पर अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ से करनी होगी.
हमारे निर्यात के लिए अच्छा नहीं
उन्होंने कहा किमुझे डर है कि अगर आप वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, यहां तक कि बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों को देखें, तो उनके टैरिफ हमसे कम हैं. ऐसे में, अंततः, लोग अमेरिका में हमसे सामान नहीं खरीदेंगे, अगर उन्हें कहीं और सस्ता मिल सकता है. इसलिए यह अमेरिका को किए जाने वाले हमारे निर्यात को लेकर यह बहुत अच्छा नहीं है.
थरूर ने कहा कि भारत को अब अपने निर्यात बाजारों में तत्काल विविधता लानी चाहिए. उन्होंने आगे कहा, “इसका मतलब है कि हमें उन देशों और बाजारों में भी गंभीरता से विविधता लानी होगी जो हमारी पेशकश में रुचि रखते हों.”
थरूर ने विविधता लाने पर दिया जोर
अब हमारा ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ से बातचीत हो रही है. कई देशों के साथ हम यह कर सकते हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से हमारे के लिए एक झटका है.
डोनाल्ड ट्रंप ने प्रारंभिक शुल्क लागू होने से 14 घंटे से भी कम समय पहले भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए.