सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या में शामिल दो शूटर आज पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. मुठभेड़ में मारे गए शूटरों की पहचान राजू तिवारी उर्फ रिजवान खान और संजय तिवारी उर्फ अकील खान के रूप में हुई. दोनों आपस में सगे भाई थे. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक इनके पिता हिंदू थे और मां मुस्लिम. पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों के पास दो-दो आधार कार्ड भी मिले हैं, जिनमें एक हिंदू नाम से, दूसरा मुस्लिम पहचान के साथ.
जांच में सामने आया कि दोनों भाइयों के पिता कृष्ण गोपाल तिवारी एक हिंदू ब्राह्मण थे, जबकि उनकी मां नाजिमा एक मुस्लिम महिला हैं. बताया जाता है कि जब कृष्ण गोपाल ने नाजिमा से विवाह किया तो उन्होंने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम करीम खान रख लिया था. बेटे जब बड़े हुए तो उन्होंने समाज में दोनों पहचान को साधने का अलग तरीका निकाला एक हिंदू नाम और एक मुस्लिम नाम. राजू तिवारी ने ‘रिजवान खान’ और संजय तिवारी ने ‘अकील खान’ नाम अपनाया. यही नहीं, दोनों के पास इन नामों से आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र भी बने हुए थे. यानी जरूरत के हिसाब से नाम और पहचान बदलकर ये अपने मंसूबों को अंजाम देते थे.
पत्रकार की हत्या और साजिश की परतें
घटना 8 मार्च 2025 की है. पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई, जो जिले में एक तेजतर्रार और बेबाक पत्रकार माने जाते थे, को बाइक सवार दो बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मार दी थी. ये हमला हेमपुर ओवरब्रिज के पास हुआ था, जब वे कार्यालय जा रहे थे. हमलावरों ने चार गोलियां चलाईं, जिनमें से दो सीधी उनके सीने में लगीं. उन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
हत्या के बाद जिला प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. खुद मुख्यमंत्री कार्यालय से रिपोर्ट तलब की गई और एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर 12 विशेष टीमें जांच में लगाई गईं. इन टीमों ने 34 दिन में 1000 से अधिक मोबाइल नंबर ट्रेस किए, 125 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की और 250 CCTV फुटेज खंगाले.
बाबा बना साजिशकर्ता
जांच की सबसे चौंकाने वाली कड़ी तब सामने आई जब यह खुलासा हुआ कि पत्रकार की हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के स्वयंभू पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर ने रची थी. बताया गया कि पत्रकार राघवेंद्र, बाबा की कुछ अवैध गतिविधियों को उजागर करने की योजना में थे. इसी बात की खुन्नस में बाबा ने दो शूटरों को सुपारी देकर पत्रकार की हत्या करवा दी. पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल बाबा और उसके दो साथियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शूटर्स फरार चल रहे थे.
STF और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
गुरुवार तड़के STF, सीतापुर पुलिस और SOG की संयुक्त टीम को इन फरार शूटर्स के पिसावा थाना क्षेत्र में होने की सूचना मिली. जैसे ही पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी की, दोनों बदमाश बाइक पर वहां से गुजरते नजर आए. पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हुए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटनास्थल से 32 बोर की पिस्टल, कार्बाइन, और एक स्पोर्ट्स बाइक बरामद हुई है. घटनास्थल का मुआयना खुद एसपी अंकुर अग्रवाल ने किया और मुठभेड़ को ‘साहसिक और रणनीतिक कार्रवाई’ बताया.
पुलिस कार्रवाई पर मिली सराहना
मुठभेड़ के बाद जिले में पुलिस की सक्रियता की प्रशंसा हो रही है. एसपी अंकुर अग्रवाल ने टीम को शाबाशी देते हुए कहा कि “जिन अपराधियों ने समाज के प्रहरी की हत्या की, उनका अंत आज हुआ. यह कानून के शासन की जीत है.
पत्रकार की पत्नी ने उठाए सवाल
इस मामले में राघवेंद्र वाजपेई की पत्नी रश्मि का कहना है कि अभी भी न्याय नहीं मिला है. राघवेंद्र की पत्नी रश्मि का कहना है कि उनको पुलिस के एनकाउंटर और हत्या की थ्योरी दोनों पर शुरू से ही भरोसा नहीं है. पुलिस सिर्फ लीपा पोती कर रही है. इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए हम शुरू से सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.