रायबरेली में 10 अगस्त से 15.51 लाख लोगों को घर-घर जाकर खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा…

रायबरेली: पैरो में सूजन (हाथीपांव) और दिव्यांगता से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम 10 अगस्त से घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा को खिलाएगी. इसके लिए टीमों का गठन कर दिया गया है. टीमों की निगरानी करने के लिए सुपरवाइजरों की भी तैनाती की गई है.

प्रेसवार्ता में सीएमओ डॉ. नवीन चंद्रा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए जिले में 10 से 28 अगस्त तक सामूहिक दवा सेवन यानि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर दो वर्ष की आयु से ऊपर के सभी लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएगी. अभियान के तहत जिले में 15.51 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए 1,484 टीमें बनाई गई हैं. प्रत्येक टीम में एक महिला व एक पुरुष होगा. इनकी निगरानी के लिए 283 सुपरवाइजरों को लगाया गया है. दवा की खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर अपने सामने खिलाएंगे.

उन्होंने ने कहा कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर व्यक्तियों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी. लेकिन यह दवा किसी को भी खाली पेट नहीं खानी है।
जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव ने बताया कि फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहते हैं. क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली यह एक बीमारी है और यह किसी को भी हो सकता है. बीमारी हो जाने पर व्यक्ति को कभी-कभी दिव्यांगता भी हो जाती है। फाइलेरिया बीमारी होने के बाद इसका केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है. फाइलेरियारोधी दवा का सेवन ही इस बीमारी से बचाव का एकमात्र उपाय है. इस दौरान स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना,डॉ अशोक कुमार मौजूद रहे.

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