रायबरेली में हुए ‘थप्पड़ कांड’ के बाद BJP पर बरसे स्वामी प्रसाद मौर्य, बोले- हमले के वक्त गूंगी-अंधी बनी रही पुलिस; अखिलेश यादव पर भी भड़के

यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली में अपने ऊपर हुए हमले के बाद प्रदेश पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है. इस सरकार में गुंडे, माफियाओं, अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि जब चाहे किसी पर अटैक कर देते हैं. उनके खिलाफ एक्शन लेने के बजाय सरकार गूंगी-अंधी बनकर सबकुछ देख रही है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश गुंडों-माफियाओं का चारागाह बन गया है. आए दिन विपक्ष के नेताओं पर हमला किया जाता है. ये इस सरकार में आम बात हो गई है. जो भी हमला हो रहा है बीजेपी पोषित लोगों के द्वारा किया जा रहा है. सब बीजेपी से जुड़े लोग हैं, जिनसे आमजन का जीना दूभर हो गया है.

आपको बता दें कि बीते दिन मौर्य पर रायबरेली के सारस होटल के पास एक युवक ने थप्पड़ जड़ दिया था. जिसके बाद मौर्य के समर्थकों ने आरोपी युवकों को जमकर पीटा था. उन्हें लहूलुहान कर दिया था. किसी तरह से पुलिस ने उन युवकों को बचाया और अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है की पंचायत चुनाव स्थानीय चुनाव होता है पार्टी सिंबल पर नहीं होता है जहाँ से घटक दल चाहेंगे चुनाव लड़ेंगे और विधानसभा चुनाव में हमारा 11 पार्टियों का मोर्चा लोक मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ेगी और 2027 मे बीजेपी की विदाई तय है।

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मौर्य ने सपा पर बोला हमला

वहीं, समाजवादी पार्टी द्वारा चलाई जा रही पीडीए पाठशाला को लेकर छिड़ी जुबानी जंग पर भी मौर्य ने तंज कसा है. उन्होंने बीजेपी और सपा दोनों ही दलों पर जोरदार हमला बोला. मौर्य ने कहा कि बीजेपी और समाजवादी पार्टी का चाल चरित्र और चेहरा कमोबेश एक है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कट्टर हिंदू बनने की राजनीति कर रही है. जबकि, समाजवादी पार्टी सॉफ्ट हिंदू बनने की राजनीति कर रही है.

स्वामी प्रसाद ने कहा है कि अखिलेश यादव की सरकार में भी गुंडागर्दी चरम पर थी और आज योगी सरकार में भी गुंडागर्दी चरम पर है. बीजेपी और सपा आपस में नूरा कुश्ती लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि 27 हजार से ज्यादा प्राथमिक स्कूल बंद होने के मामले में समाजवादी पार्टी सोती रही. योगी सरकार के इस जन विरोधी नीति के खिलाफ समाजवादी पार्टी को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए था. हालांकि, अपनी जनता पार्टी ने पूरे प्रदेश स्तर पर इसका विरोध किया, विधानसभा के सामने धरना दिया. सभी जिलों के मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया. जिसका नतीजा यह हुआ कि सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और प्राथमिक स्कूलों के मर्जर के अपने फैसले को वापस लेना पड़ा.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा पर हमलावर होते हुए कहा कि पीडीए के नेता खुद कंफ्यूज हैं. पीडीए का गठन क्यों हुआ था, यह बात वह खुद भूल गए हैं. समाजवादी पार्टी के लोग लगातार पीडीए की नई-नई परिभाषा गढ़ते रहते हैं, इसलिए अब जनता भी कंफ्यूज है कि अखिलेश यादव का पीडीए वास्तव में क्या है. उन्होंने कहा है कि वास्तव में अखिलेश का पीडीए इस प्रदेश और देश के दलितों, आदिवासियों, पिछडों और अल्पसंख्यकों को गुमराह करने के लिए धोखा है.

बीजेपी पर निकाली भड़ास

वहीं, बीजेपी पर निशाना साधते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि बीजेपी बच्चों को पढ़ाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि वह गांव के गरीब बच्चों को स्कूली शिक्षा से वंचित करना चाहती. गांव के बच्चे विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा तक न पहुंचे इसलिए शिक्षा को मंहगी किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी सरकार ने लोक लुभावने नारे देकर जनता की आंख में धूल झोंकने का काम किया है. आज करोड़ों नौजवान बेरोजगार घूम रहे हैं, महंगाई चरम पर है, आम आदमी का जीना दूभर है. 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोग 5 किलो राशन पर जीवन काट रहे हैं.

रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर साध्वी प्राची और स्वामी यशवीर के बयानों पर भी पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने साध्वी और स्वामी को ढ़ोंगी और पाखंडी करार देते हुए कहा है कि यह लोग देश को हिंदू-मुसलमान के नाम पर धर्म और जाति के नाम पर बांटने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. जबकि, मौर्य ने मौलाना कल्बे जावेद नकवी के वक्फ संशोधन बिल वाले बयान पर उनका समर्थन किया.

पूर्व मंत्री ने कहा है कि इसमें कोई दो राय नहीं है वक्फ संशोधन बिल के जरिए केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की जमीनों पर कब्जा करना चाहती है. उन्होंने कहा है कि वक्फ बोर्ड की जमीनों पर कब्जा करने की नीयत से ही केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल लाई है. अपनी जनता पार्टी और लोक मोर्चा इस वक्फ संशोधन बिल का विरोध करता है, क्योंकि धर्म और जाति के आधार पर इस प्रकार का बिल लाकर किसी के धर्म पर हमला किया जाना लोकतंत्र और संविधान पर हमला है.

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