रीवा : सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में सरकारी जमीन को हड़पने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है.जामु क्योटी मार्ग से लगी 30 फीट चौड़ी सरकारी सड़क (धर्रा) अचानक गायब हो गई और उसकी जगह पर एक आवास बना दिया गया है.आरोप है कि इस घोटाले में सरपंच ऊमा सिंह, सचिव दुर्गा साकेत , जी आर एस कृष्ना साहू और पटवारी ने मिलकर सरकारी खजाने को चूना लगाया है.
स्थानीय निवासी मुन्ना साहू को लाभ पहुँचाने के लिए, इन सभी ने मिलीभगत करके सरकारी सड़क खसरा क्रमांक 449 पर ही आवास योजना के तहत जियोटैग जारी कर दिया. जबकि नियमानुसार आवास का आवंटन नीचे की आरजी (अधिसूचित ग्रामीण भूमि) पर होना निजी आराजी पर ही होना चाहिए था, इन्होंने सीधे-सीधे सरकार को धोखा दिया और जनता के लिए बनी सड़क पर अवैध निर्माण करवा दिया. यह सड़क विकेंद्र सिंह के खेत से लगी हुई थी और अब उस पर पक्का मकान खड़ा हो चुका है.
शिकायत के बाद दबाव और धमकी
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब शिकायतकर्ता विकेंद्र प्रताप सिंह ने CM हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन इसके बाद से ही उन पर शिकायत वापस लेने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है.सरपंच और सचिव जैसे प्रभावशाली लोग उन्हें डरा-धमका रहे हैं ताकि इस भ्रष्टाचार को दबाया जा सके.
यह मामला सिर्फ एक आवास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि किस तरह सरकारी कर्मचारीयो जनता की संपत्ति को बेच रहे हैं.रीवा कलेक्टर को इस गंभीर मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए.सवाल यह है कि जब भ्रष्टाचार इतना आम हो चुका है, तो क्या आम आदमी को न्याय मिल पाएगा?