Bihar: राम के बाद अब बनेगा सीता मंदिर! 882 करोड़ आएगी लागत, अमित शाह रखेंगे आधारशिला

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद अब बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता के भव्य मंदिर परिसर का निर्माण कार्य भी शुरू होने जा रहा है. 8 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस ऐतिहासिक परियोजना की आधारशिला रखेंगे. सीतामढ़ी के पुनौराधाम में बनने वाला यह मंदिर परिसर 67 एकड़ भूमि में फैला होगा और इसे सिर्फ 11 महीनों में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.

दरअसल, अमित शाह 8 अगस्त को पटना पहुंचेंगे, जहां से वे सीतामढ़ी रवाना होंगे. पुनौराधाम में भूमि पूजन का भव्य आयोजन होगा, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत राज्य सरकार के कई मंत्री मौजूद रहेंगे. पूरे विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यह ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह आयोजित किया जाएगा.

पुनौराधाम को हिंदू धर्म में माता सीता के जन्मस्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह स्थल सदियों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है. अब इसे वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. परियोजना की निगरानी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम कर रहा है. परिसर के निर्माण में कुल लागत 882.87 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसमें से केवल मंदिर संरचना के निर्माण पर 137.34 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. निर्माण प्रक्रिया युद्ध स्तर पर शुरू हो चुकी है. लगभग पूरा भूमि अधिग्रहण हो चुका है और टेंडर प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है

इस मंदिर परिसर में 151 फीट ऊंचा मुख्य मंदिर होगा. इसके साथ ही यज्ञ मंडप, संग्रहालय, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, धर्मशाला, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, पार्किंग, परिक्रमा पथ और मार्ग प्रदर्शनी जैसी आधुनिक सुविधाएं भी तैयार की जाएंगी. साथ ही, पहले से मौजूद मां जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण भी इस योजना का हिस्सा है.

निर्माण कार्य 42 सप्ताह में पूरे कर लिए जाएंगे

पर्यटन विभाग ने इसे राष्ट्रीय स्तर के तीर्थ स्थल और पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है. अधिकारियों का दावा है कि सभी निर्माण कार्य 42 सप्ताह में पूरे कर लिए जाएंगे, जिससे मंदिर परिसर का उद्घाटन अगले वर्ष सावन माह में संभव हो सकेगा. बिहार सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार आने की उम्मीद है. पुनौराधाम अब एक नई धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की ओर अग्रसर है.

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