‘खालिस्तान से जुड़े बोर्ड लगाना नियमों के खिलाफ नहीं’, ब्रिटिश गुरुद्वारे को चैरिटी कमीशन ने दी क्लीन चिट

ब्रिटेन में एक प्रमुख गुरुद्वारे पर खालिस्तान से संबंधित लगे बोर्ड्स को लेकर चल रहे विवाद के बीच ब्रिटेन की चैरिटी नियामक संस्था ने उसे क्लीन चिट दे दी है. चैरिटी कमीशन ने कहा है कि इन बोर्ड्स को लगाने से चैरिटी के राजनीतिक गतिविधि संबंधी नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.

स्लॉघ में स्थित ‘गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा’ पर यह जांच कुछ साल पहले कई शिकायतों के बाद शुरू हुई थी. इन शिकायतों में एक शिकायत खालिस्तान से जुड़े बैनरों को लेकर थी. यह शब्द धार्मिक और राजनीतिक दोनों अर्थों में उपयोग होता है.

चैरिटी कमीशन के प्रवक्ता ने गुरुवार को एक बयान में कहा, “हमने गुरुद्वारे के बोर्ड्स पर गहन समीक्षा की और पाया कि यह हमारे अभियान और राजनीतिक दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं है.”

प्रवक्ता का बयान

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि UK के चैरिटी क़ानून के तहत पंजीकृत चैरिटी अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए राजनीतिक अभिव्यक्ति या अभियान चला सकती हैं. इस मामले में, अधिकारियों ने पाया कि बैनरों में कोई अलगाववादी संदेश नहीं था और ये गुरुद्वारे के धार्मिक उद्देश्यों के अनुरूप थे.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘खालिस्तान’ शब्द का मतलब धार्मिक आकांक्षा और राजनीतिक लक्ष्य दोनों हो सकता है. चूंकि गुरुद्वारे में लगे बोर्ड्स किसी राजनीतिक राज्य की मांग नहीं कर रहे थे, इसलिए चैरिटी के कार्यों को क़ानून के दायरे में पाया गया.

क्या कहता है चैरिटी कानून

ब्रिटिश चैरिटी कानून पंजीकृत चैरिटी संस्थाओं द्वारा राजनीतिक अभिव्यक्ति या अभियान चलाने की अनुमति देता है, लेकिन केवल उनके धर्मार्थ उद्देश्य को आगे बढ़ाने के संदर्भ में. इस मामले में, अधिकारियों ने पाया कि बैनरों में कोई अलगाववादी संदेश नहीं था और वे गुरुद्वारे के धार्मिक उद्देश्यों के अनुरूप थे.

हालांकि, गुरुद्वारे के व्यापक संचालन से संबंधित जांच अभी भी जारी है. दिसंबर 2024 में आयोग ने एक Regulatory Action Plan जारी किया था, जिसमें कई प्रबंधन-सुधारों की मांग की गई थी. इनमें से कई बिंदुओं पर संतोषजनक प्रगति हो चुकी है.

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