राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि कट्टरता क्रोध और घृणा पैदा करती है, जिससे झगड़े और युद्ध होते हैं. भागवत ने नागपुर में एक शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद एक समारोह में यह टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का मूल कारण मानव स्वभाव की पांच या छह प्रवृत्तियां हैं. इसके कारण ही हर समस्या पैदा होती है.
आरएसएस प्रमुख ने कहा, मनुष्य की कट्टरता क्रोध और घृणा पैदा करती है, जिससे झगड़े और युद्ध होते हैं. उन्होंने कहा कि इन प्रवृत्तियों को बदलने के लिए भगवान शिव की भक्ति करनी चाहिए.
भागवत ने कहा कि व्यक्ति को विनम्रता का जीवन अपनाना चाहिए और अपने लिए चीजें हासिल करने की इच्छा रखे बिना सभी के प्रति दया का भाव रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी पवित्र जीवनशैली की ओर प्रतिदिन एक कदम बढ़ाना ही शिव के प्रति सच्ची भक्ति है.
दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही- भागवत
संघ प्रमुख ने कहा कि दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है और अगर मनुष्य ने उचित कदम नहीं उठाए, तो इसका विनाश हो जाएगा, लेकिन अगर वे सही कदम उठाएंगे, तो मानवता का एक नया उन्नत रूप उभरकर सामने आएगा. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि मानवता के ऐसे उन्नत स्वरूप के उद्भव के लिए भारत को विश्व का नेतृत्व करना होगा. उन्होंने कहा कि देश में विश्वभर के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की शक्ति है.
वाघ-नख हर किसी को देखना चाहिए
संघ प्रमुख ने इस कार्यक्रम से पहले नागपुर में एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया, यहां छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध हथियार वाघ-नख (बाघ के पंजे जैसे नुकीले हथियार) को प्रदर्शित किया गया था. उन्होंने इस ऐतिहासिक हथियार को देखने के बाद कहा कि हर किसी को यह देखना चाहिए, क्योंकि यह हमें हमारे शौर्य और वीरता के इतिहास की याद दिलाता है. यह प्रदर्शनी शिवशस्त्र शौर्यगाथा के नाम से लगाई गई है, जिसमें मराठा योद्धाओं द्वारा इस्तेमाल किए गए कई ऐतिहासिक हथियारों को दिखाया जा रहा है.