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अयोध्या में निवेश के नाम पर ठगी का पर्दाफाश: सपा नेता समेत गिरोह के 8 सदस्य गिरफ्तार, नकद व लग्जरी कारें बरामद

अयोध्या : प्रॉपर्टी में निवेश के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक संगठित गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है.इस गिरोह का सरगना समाजवादी पार्टी से जुड़ा जिला पंचायत सदस्य और समाजवादी युवजन सभा का राष्ट्रीय सचिव राजामान सिंह बताया जा रहा है। पुलिस ने बुधवार को इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से छह लाख पचास हजार रुपये नकद, दो लग्जरी कारें, और एक सोने की चेन बरामद हुई है.

 

 

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के मुताबिक, इस गिरोह की धोखाधड़ी की गतिविधियों की जांच एसओजी को सौंपी गई थी, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सरियावां निवासी राजामान सिंह और उनकी पत्नी नीतू सिंह समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार आरोपियों में राजामान सिंह (सरियावां), नीतू सिंह (पत्नी), दुष्यंत सिंह, अमरेश गोस्वामी, अनूप सिंह (मोइया कपूरपुर), गौरव सिंह (इनायतनगर), उत्कर्ष तिवारी (खोजनुपर), और अंजनी सिंह (अलादासपुर चौरी, बाराबंकी) शामिल हैं.

फर्जी मुकदमों और धमकियों का सहारा

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि राजामान सिंह का गिरोह लोगों को अयोध्या में प्रॉपर्टी में निवेश कर दुगना मुनाफा दिलाने का लालच देकर रुपये ऐंठता था.शुरुआत में पहली किस्त का भुगतान कर भरोसा दिलाता था, लेकिन इसके बाद रकम लौटाने के बजाय धमकियां दी जाती थीं। दबाव बनाने पर गिरोह पीड़ितों को फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी देता था, खासकर महिला सदस्य नीतू सिंह का नाम सामने आया है.

लूट, धमकी और दुष्कर्म के फर्जी मुकदमे का डर

गिरोह की करतूतें यहीं नहीं रुकीं.गोडियाना रायगंज के नितीश कुमार से 40 लाख रुपये दोगुनी रकम के नाम पर मांगे गए थे। रुपये न देने पर उन्हें धमकाया गया और दुष्कर्म के फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी गई. जान बचाकर भाग रहे नितीश का पीछा कर उनकी गाड़ी में रखे 15 लाख रुपये भी लूट लिए गए.

कन्नौज के आशीष कुमार से भी प्रॉपर्टी में निवेश के नाम पर 30 लाख की ठगी की गई और विरोध करने पर मारपीट कर उनकी सोने की चेन भी लूट ली गई। उन्होंने एसएसपी जनसुनवाई में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई थी.

पुलिस की तत्परता से हुआ बड़ा खुलासा

एसएसपी ने बताया कि यह गिरोह नकली नोटों के कारोबार से भी जुड़ा हुआ है और बड़े पैमाने पर लोगों को अपना शिकार बना चुका है.पुलिस की सक्रियता से यह संगठित गिरोह कानून के शिकंजे में आया है और आगे की जांच जारी है.

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