उज्ज्वला योजना को 12,060 करोड़, तेल कंपनियों को 30,000 करोड़ की सब्सिडी… कैबिनेट मीटिंग में 5 बड़े फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए. इस दौरान 52,667 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी. जिसमें LPG, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष जोर दिया गया है. सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को मजबूत करने के लिए 12,060 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इसके अलावा घरेलू रसोई गैस को सस्ता करने के लिए 30000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी संस्थानों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए 4200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.

कैबिनेट मीटिंग में पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष फोकस करते हुए असम और त्रिपुरा के लिए 4,250 करोड़ रुपए का स्पेशल विकास पैकेज स्वीकृत किया गया है. वहीं, दक्षिण भारत में सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के लिए मरक्कनम–पुडुचेरी फोर-लेन हाईवे के निर्माण और डेवलपमेंट के लिए 2,157 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

बैठक में तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को घरेलू एलपीजी बिक्री पर हुए घाटे की भरपाई के लिए 30000 करोड़ के मुआवजे को मंजूरी दी गई.ये मुआवजा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा इन कंपनियों के बीच वितरित किया जाएगा और इसका भुगतान 12 किश्तों में किया जाएगा.

घरेलू एलपीजी सिलेंडर सार्वजनिक क्षेत्र की इन कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को नियंत्रित कीमतों पर उपलब्ध कराए जाते हैं. वर्ष 2024-25 के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रहीं, लेकिन उपभोक्ताओं पर कीमतों का बोझ नहीं डालने के लिए सरकार ने इन्हें स्थिर रखा. इस वजह से IOCL, BPCL और HPCL को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा. इसके बावजूद इन कंपनियों ने देशभर में घरेलू एलपीजी की आपूर्ति बिना रुकावट जारी रखी.

सरकार का मानना है कि ये मुआवजा तेल विपणन कंपनियों को कच्चे तेल और एलपीजी की खरीद, कर्ज अदायगी और पूंजीगत व्यय जैसी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. इससे देशभर के घरों तक सिलेंडर की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी.

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