चुरू: साइबर ठगी में शामिल एक्सिस बैंक कर्मचारी गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेजों से बैंक खाता खोलकर करता था धोखाधड़ी…दिल्ली साइबर ब्रांच से आया फोन तो खुला राज

चुरू: सादुलपुर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बैंक खाता खोलकर साइबर धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है. थानां अधिकारी राजेश कुमार सिहाग ने बताया कि मामले में आरोपी हरीश जागिड़ निवासी वार्ड नम्बर नो सादुलपुर निवासी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी एक्सिस बैंक का कार्मिक है. तथा चालू खाता खोलने के नाम पर पीड़ित के दस्तावेजों का दुरुपयोग किया है. आरोपी ने साइबर ठगी करने वाले आरोपियों से मिलकर पीड़ित के दस्तावेजों के आधार पर खाता खोलकर ट्रांजैक्शन भी किया है. जबकि हस्ताक्षर भी फर्जी किए हैं.

उन्होंने बताया कि मामले में जांच अधिकारी एसआई धर्मेंद्र सिंह ने आरोपी को गिरफ्तार किया तथा पूछताछ कर न्यायलय में पेश कर जेल भिजवा दिया है. मामले में एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है. गौरतलब है कि भामासी गांव निवासी राजेश कुमार पुत्र सुखवीर ने स्थानीय पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाकर बताया कि एक्सिस बैंक में कार्यरत हरीश जागिड़ निवासी वार्ड संख्या 09, रोडवेज बस स्टैंड के पास, कस्बा राजगढ़ ने उनके नाम पर फर्जी तरीके से खाता खोलकर उसका गलत उपयोग किया है.

राजेश कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष उसे जीएसटी नंबर के लिए एक चालू खाता खुलवाना था, जिस बारे में उसने अपने मित्र इरफान से चर्चा की. इरफान ने उसे हरीश जागिड़ का नाम सुझाया और कहा कि वह एक्सिस बैंक में नौकरी करता है और यह काम कर देगा. इसके बाद राजेश अपने साथी राकेश जागिड़ निवासी हरपालू के साथ हरीश से मिला और उसे अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली का बिल, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज सौंप दिए.

हरीश ने दोनों के मोबाइल नंबरों पर आए ओटीपी भी ले लिए  राजेश का मोबाइल नंबर 9024222342 और राकेश का नंबर 9785315721 है. इसके बाद जब कुछ समय बाद उन्होंने जीएसटी खाता और चालू खाता शुरू होने के बारे में जानकारी ली तो हरीश ने कहा कि जीएसटी फाइल खारिज हो चुकी है, जिसके बाद दोनों ने मान लिया कि मामला रद्द हो गया है. पीड़ित राजेश कुमार के पास दिल्ली साइबर ब्रांच से एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनके नाम से एक्सिस बैंक में फर्जी खाता खुला है और इसका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है. तथा आरोपी हरीश जागिड़ ने एक्सिस बैंक के मैनेजर की मिलीभगत से राजेश व राकेश के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए उनके नाम से चालू खाते खुलवाए है. इन खातों में अपने खुद के मोबाइल नंबर दर्ज करवाकर एटीएम कार्ड और पासबुक भी ले लिए गए. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता खुलवाया गया और पीड़ितों के हस्ताक्षर भी नकली रूप से किए गए.

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