दमोह जिले के तेजगढ़ के हर्रई बिजली कंपनी कार्यालय में पदस्थ लाइनमैन गणेश मालवीय को लोकायुक्त सागर की टीम ने शुक्रवार को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा.
आरोप है कि उसने बिजली चोरी के प्रकरण को खत्म करने के एवज में उपभोक्ता से 10 हजार रुपए की मांग की थी. इसमें से 5 हजार रुपए वह पहले ही ले चुका था, जबकि शेष 5 हजार लेते समय ट्रैप हो गया.
बता दें कि जिले में 23 दिन के भीतर यह दूसरा मामला है, जब लाइनमैन को रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ा है। इससे पहले 17 जुलाई को दमोह में सागरनाका पुलिस चौकी के सामने पदस्थ लाइनमैन कुलदीप सिंह राजपूत को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था.
सूत्रों के अनुसार, गणेश मालवीय 4 महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाला था. उसने बिजोरी निवासी आटा चक्की संचालक खुमान सिंह लोधी से बिजली चोरी के मामले को रफा-दफा करने के लिए 10 हजार रुपए की मांग की थी. पीड़ित ने सागर लोकायुक्त में शिकायत की, जिसके बाद शुक्रवार दोपहर करौंदी पड़रिया गांव में कार्रवाई कर उसे दबोचा गया.
शिकायत पर झूठा केस बनाया
आवेदक खुमान सिंह ने बताया कि उसकी आटा चक्की का ट्रांसफार्मर जल गया था, जिसकी कई बार शिकायत करने के बावजूद जेई और लाइनमैन ने उसे बदला नहीं. कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत करने पर नाराज होकर 4 जुलाई को लाइनमैन और अन्य स्टाफ उसकी चक्की पर पहुंचे और 7.5 पावर की मोटर को 10 पावर बताकर बिजली चोरी का झूठा केस बना दिया। इस पर 70 हजार रुपए जुर्माना भरने को कहा गया.
खुमान सिंह के अनुसार, उसने जेई और लाइनमैन से आग्रह किया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद लाइनमैन ने कहा कि 10 हजार रुपए दो, तो वह मामला खत्म कर देगा। 6 जुलाई को उसने 5 हजार रुपए देकर पूरी बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली और लोकायुक्त में शिकायत कर दी। शुक्रवार को शेष 5 हजार रुपए देने के दौरान टीम ने लाइनमैन को रंगे हाथ पकड़ लिया.
जेई पर भी शक मामले में हर्रई बिजली कंपनी के जेई की संलिप्तता की भी आशंका है. लोकायुक्त टीम जेई की तलाश कर रही है, क्योंकि घटना के बाद से वह फरार है. निरीक्षक मंजू किरण ने बताया कि शिकायतकर्ता से चोरी का केस न बनाने के लिए रिश्वत मांगी गई थी.