आंखों की रोशनी लौटाने के नाम पर किया मतांतरण, महिला बोली- मुझे अब दिखना ही बंद हो गया…

जिला मुख्यालय से महज कुछ दूरी पर स्थित ग्राम नयापारा डमरू में बीमारी ठीक करने के नाम पर मतांतरण कराने का मामला सामने आया है। जिसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। उन्होंने मतांतरित महिला को समझाकर एक बार फिर हिंदू रीति-रिवाज से पूजा-पाठ करवाया।

जानकारी के अनुसार, नयापारा डमरू की निवासी चंपा बाई को कोरदा निवासी श्यामलाल रात्रे ने आंखों के इलाज का झांसा देकर कुछ साल पहले उसका मतांतरण करवा दिया था। जिसके बाद से चंपा बाई ईसाई धर्म के अनुसार ही पूजा अर्चना करती थी, लेकिन उसकी आंखों की रोशनी ठीक नहीं हुई। जिससे उसका ईसाई धर्म पर से विश्वास उठने लगा। ऐसे में श्यालमाल रात्रे ने एक बार फिर उसका मतांतरण करने की कोशिश की, जिसका बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया गया।

आंखों की रोशनी लौटाने के नाम पर मंतातरण

चंपा बाई ने बताया की चार साल पहले वह रसेड़ी में अपने एक रिश्तेदार के यहां गई थी। उसे उस समय आंखों से कम दिखता था। चंपा बाई के रिश्तेदार के यहां प्रार्थना सभा कराने वाले श्यामलाल रात्रे ने उससे कहा कि वह ईसाई धर्म को मानना शुरू कर दे और ईशु की पूजा करे। ऐसा करने से उसके आंखों की रोशनी लौट आएगी। महिला ने बताया कि उसने श्यामलाल रात्रे की बातों में आकर ईसाई धर्म को मानना शुरू कर दिया। हालांकि उसके पिता ने ऐसा करने पर उसका विरोध भी किया।

साथ ही महिला ने बताया 4 सालों में उसके आंखों की रोशनी ठीक नहीं हुई, उसे अब आंखों से दिखना बिलकुल ही बंद हो गया है। उसकी तबियत पहले से ज्यादा खराब है। महिला ने कहा कि अब से वह हिंदू धर्म का ही पालन करेगी।

पहले भी किया मतांतरण

वहीं इस घटना को लेकर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अभिषेक तिवारी ने कहा कि दो साल पहले भी चंपा बाई के मतांतरण को लेकर ग्रामीणों ने श्यामलाल रात्रे का विरोध किया था। चंपा बाई को समझाइश देकर सनातन धर्म में वापस लाया गया था, लेकिन एक बार श्यामलाल रात्रे ने गरीब परिवार के लोगों को बरगलाने की कोशिश की जिसका विरोध किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि चंपा बाई की जांच विशेषज्ञ चिकित्सक से करवाई जाएगी और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान किया जाएगा।

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