छत्तीसगढ़ के दुर्ग में नवआरक्षक सुरेंद्र साहू की आत्महत्या मामले में पुलिस ने रविवार को सूदखोर को गिरफ्तार किया गया है। कर्ज चुकाने के बाद भी वह उससे प्रताड़ित कर रहा था। यह मामला पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, 6 अगस्त को सुरेंद्र साहू (40) ने न्यू पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली थी। जब पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की तो पता चला कि सुरेंद्र साहू ने भिलाई के रहने वाले हरीश मिश्रा से 10 लाख रुपए का कर्ज लिया था। हरीश किराना दुकान चलाता था।
घटना वाले दिन भी कॉल कर बनाया था दबाव
सुरेंद्र ने पूरा कर्ज चुका दिया था। इसके बावजूद हरीश मिश्रा (49) मूलधन और ब्याज की मनमानी वसूली के लिए उसको लगातार कॉल कर धमकाता और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। घटना वाले दिन भी आरोपी ने कई बार कॉल कर दबाव बनाया था।
इसके बाद पुलिस ने नवआरक्षक के परिजनों और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 108 बीएनएस और छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
आरोपी के खिलाफ कई आपराधिक केस हैं दर्ज
पुलिस ने आरोपी के पास से कर्ज लेन-देन की डायरी जब्त की है। इसमें अवैध उगाही के सबूत दर्ज हैं। वह पहले भी ब्याज पर कर्ज देकर अवैध वसूली के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। इसके अलावा 1998 और 2007 में मारपीट के मामलों में भी पकड़ा गया था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, भिलाई नगर और तिल्दा नेवरा क्षेत्र में अलग-अलग सड़क हादसों में उसकी लापरवाही से दो लोगों की मौत हो चुकी है। दुर्ग, भिलाई और रायपुर के थानों में उसके खिलाफ कई अन्य अपराध भी दर्ज हैं।
स पूरे मामले में एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि नवआरक्षक ने हरीश मिश्रा पैसे लिए थे। सूदखोर उसे प्रताड़ित कर रहा था। जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।