राजस्थान में फर्जी डॉक्यूमेंट से 72 लोग बने सरकारी टीचर:शिक्षा विभाग की जांच में खुलासा, एसओजी ने दर्ज की एफआईआर

राजस्थान में फर्जी डॉक्यूमेंट से 72 लोग सरकारी टीचर बन गए। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने इन 72 शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया है। जांच में डमी कैंडिडेट बैठाने के साथ-साथ फोटो, हस्ताक्षर और REET प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पाई गई है।

राज्य सरकार ने पिछले साल सभी विभागों को निर्देश दिया था कि वे साल 2019 से 2024 के बीच नियुक्त हुए कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता, आवेदन पत्र, फोटो और हस्ताक्षरों का मिलान करते हुए वेरिफिकेशन करें।

इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर ने संभाग स्तर पर 4 सदस्यीय जांच समितियां गठित कीं। इन समितियों ने बीकानेर, चूरू, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर और पाली संभाग से प्राप्त जांच रिपोर्टों के आधार पर 72 शिक्षकों की भर्ती में गंभीर अनियमितताएं पाईं।

फोटो, सिग्नेचर और REET सर्टिफिकेट में भी गड़बड़ी जांच रिपोर्ट के अनुसार, कई कैंडिडेट ने अध्यापक परीक्षा (लेवल 1 और 2) 2018 और 2022 में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। कुछ मामलों में डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बैठाया गया। जांच में फोटो, हस्ताक्षर और REET सर्टिफिकेट में विसंगतियां सामने आईं।

उदाहरण के तौर पर टीचर देशराज (पाली), हिमांशु मित्तल (जालोर) व जितेंद्र सिंह (जालोर) के फोटो और हस्ताक्षर आवेदन पत्रों से मेल नहीं खाए। वहीं कुछ मामलों में डिग्री और रीट प्रमाण पत्र पूरी तरह संदिग्ध पाए गए।

एसओजी ने केस दर्ज कर शुरू की जांच जांच में खुलासा हुआ है कि सबसे ज्यादा संदिग्ध शिक्षक जालोर जिले से सामने आए हैं। इनमें लोकेश कुमार साउ (दुधा की बेरी), रेखा मीणा (जीतपुरा), रुचिका शर्मा (पावली), प्रकाश भादू (कोलियां की बेरी) सहित अन्य शामिल हैं।

इनमें से कुछ 2016 और 2021 की भर्तियों में चयनित हुए थे और वर्तमान में विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं। SOG ने 72 शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच में इस प्रकार के और भी नाम सामने आने की संभावना है।

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