Left Banner
Right Banner

भोजली लेकर पारंपरिक वेशभूषा में निकलीं महिलाएं: झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र, पाली शहर से लेकर गांवों में हर्षोल्लास से मनाया गया उत्सव

कोरबा: छत्तीसगढ़ की पारंपरिक रीति-रिवाज, भक्ति और लोक संस्कृति के संरक्षण को समर्पित भव्य भोजली जवारा विसर्जन कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना एवं नगरवासियों के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. आयोजन की शुरुआत महामाया मंदिर प्रांगण, पाली से हुई। विधिवत पूजा-अर्चन कर भोजली जवारा को नगर भ्रमण कराया गया. बड़ी संख्या में महिलाएं, युवतियां एवं बच्चे शामिल हुए, जो पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में नजर आए. सिर पर भोजली जवारा रखकर महिलाओं का समूह जब नगर में निकला तो क्षेत्र में भक्ति, परंपरा और सांस्कृतिक गौरव का अद्‌भुत नजारा देखने को मिला.

यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा. भोजली यात्रा महामाया मंदिर से प्रारंभ होकर पुराना बस स्टैंड, गांधी चौक, बृहस्पत्ति बाजार, अटल चौक, जनपद पंचायत, व्यवहार न्यायालय चौक, शिव मंदिर चौक होते हुए नौकोनिया तालाब तक पहुंची. यात्रा के मार्ग में नगरवासियों ने पुष्धवर्मा, भक्ति गीतों और पारंपरिक स्वागत से आयोजन की भव्यता और बढ़ा देखते ही बनी. छत्तीसगढ़ संस्कृति की परिपूर्ण झलक देखने को मिली. महिलाएं पारंपरिक सुगड़ा-साड़ी, गहनों और सिंदूर में सजी रहीं. वहीं युवतियां और बच्चे भी पारंपरिक परिधानों में नगर पंचायत पाली में शोभायात्रा में सिर पर भोजली लेकर शामिल श्रद्धालु व इनसेट पर जीवंत झांकी की मनमोहक प्रस्तुति.

झाकी

 

लोकपर्व भोजली का महत्व

नगर भ्रमण के दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष अजय जायसवाल ने कहा कि भोजली छत्तीसगढ़ की एक प्राचीन लोक परंपरा है, जो बहनों की समृद्धि, भाई की लंबी उम्र और समाज की सुख-शांति के लिए भनाई जाती है. यह पर्व केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि हमारी एकता संस्कृति और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है. ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को उनकी मूल सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का कार्य करते हैं. पारंपरिक वेश भूषा में नृत्य, डीजे साउंड की बेस के साथ लोक गीत और जयकारों ने नगर को भक्ति और उत्सव के रंग में रंग दिया. इस अवसर पर आयोजन मार्ग में व्यवस्था, सुरक्षा और अनुशासन को बनाए रखाने में पाली पुलिस के साथ क्रांति सेना के कार्यकर्ता सक्रिय रहे.

पारंपरिक वेशभूषा में सज्जित कार्यकर्ताओं ने लोक संस्कृति और अनुशासन का समनस्य प्रस्तुत किया. नगर भ्रमण के बाद भोजली जवारा का विसर्जन विधिवत रूप से नौकोनिया तालाब में संपन्न हुआ. इस दौरान उपस्थित महिलाओं ने मंगल गीतों के माध्यम से परिवार व समाज की मुख-शांति की कामना की. भक्तिभाव और श्रद्धा के इस दृश्य ने सभी को अभिभूत कर दिया.

Advertisements
Advertisement