डीडवाना – कुचामन: जिले के नावां उपखंड में खाखड़की से नावां तक सड़क निर्माण को लेकर मामला गर्माया हुआ है. हाल ही में टूटी सड़क के कारण पहले एंबुलेंस में डिलीवरी और बाद में हुई नवजात की मौत ने इस मुद्दे को और तूल दे दिया है. आज गांव के सैकड़ों ग्रामीण, नावां के गांधी पार्क से तख्तियां और बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचे.
रेली में “न्याय दो, न्याय दो”, “तानाशाही बंद करो”, “प्रशासन होश में आओ”, और “मृतक नवजात को मुआवजा दो” जैसे नारों से माहौल गूंज उठा. ग्रामीणों के पहुंचने से पहले ही पुलिस ने एसडीएम कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया था. मौके पर नावां और मारोठ थानाधिकारी सहित पुलिस जाब्ता तैनात रहा.
खाखड़की को कहा जाता है श्रीलंका
आपको बता दे कि खाखड़की गांव को श्रीलंका नाम से जाना जाता है. इसकी वजह ये है नावां से खाखड़की के बीच की दूरी 12 किलोमीटर है और ये 12 किलोमीटर दूरी की सड़क नामक झील के बीच में से निकाली गई है ,जिसे लोग भारत – श्रीलंका के बीच रामसेतु कहकर पुकारते है और खाखड़की को श्रीलंका कहा जाता है. ये 12 किलोमीटर मार्ग हमेशा से ही लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है और प्रशासन भी इस मामले में उदासीन रहा है.
धरने में शामिल हुए सैकड़ों ग्रामीण, मंत्री विजय सिंह के नाम सौंपा ज्ञापन
नावां उपखंड कार्यालय के बाहर मृतक नवजात के माता-पिता के साथ भीषण धूप में भी सैकड़ों लोग धरने में शामिल हुए. इस दौरान ग्रामीणों ने नावां एसडीएम दिव्या सोनी को स्थानीय विधायक और राजस्व राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें तीन प्रमुख मांगें रखी गईं —जिनके मुताबिक मृतक नवजात के परिजनों को मुआवजा दिया जाए, सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए और 12 किलोमीटर लंबी सीसी सड़क का पुनर्निर्माण किया जाए.
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी और ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं, एसडीएम दिव्या सोनी ने उनकी समस्याएं सुनते हुए आश्वासन दिया कि वह विधायक, मंत्री, सांसद और जिला कलेक्टर से चर्चा कर जल्द से जल्द सड़क निर्माण करवाने और न्याय दिलाने का प्रयास करेंगी.