सोने की कीमतों (Gold Rates) में जारी ताबड़तोड़ तेजी पर ब्रेक लगा है. एक ओर जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सोने को टैरिफ से दूर रखने का ऐलान किया, तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड प्राइस अचानक 1400 रुपये से ज्यादा कम हो गया. हालांकि, अभी भी सोना 1 लाख रुपये के पार बना हुआ है, लेकिन अपने लाइफ टाइम हाई लेवल से ये काफी टूटकर कारोबार कर रहा है.
MCX पर सोने के भाव में तगड़ी गिरावट
सबसे पहले बताते हैं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर सोने की कीमतों में अचानक आई तगड़ी गिरावट के बारे में, तो बीते कारोबारी दिन सोमवार को MCX Gold Price में 1409 रुपये या 1.38% की कमी आई और 999 शुद्धता वाला 10 ग्राम सोना कम होकर 1,00,389 रुपये का रह गया. इससे पहले ये कारोबार के दौरान 1,01,199 रुपये तक उछला था.
बता दें कि एमसीएक्स पर सोने का लाइफ टाइम हाई लेवल 1,02,250 रुपये प्रति 10 ग्राम है और इसकी तुलना में Gold Price 1861 रुपये सस्ता है. मंगलवार को भी जब वायदा कारोबार की शुरुआत हुई, तो सोना गिरावट के साथ खुला.
सोने का लेकर Trump ने क्या बोला?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर अपने एक पोस्ट में सीधे लिखा कि गोल्ड पर टैरिफ नहीं लगाया जाएगा. उनके इस ऐलान के बाद अंतराष्ट्रीय मार्केट में Gold Futures की कीमतों में अचानक तेज गिरावट आ गई और ये 2.48% गिरकर 3,404.70 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई.
घरेलू मार्केट में ये बदलाव
घरेलू मार्केट में सोने की कीमतों में आए बदलाव पर नजर डालें, तो इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट IBJA.Com के मुताबिक, सोमवार को 24 कैरेट सोने का भाव 1,00,201 रुपये प्रति 10 ग्राम था, लेकिन मार्केट में कारोबार बंद होते-होते ये टूटकर 1 लाख रुपये के नीचे पहुंच गया और 99,957 रुपये पर क्लोज हुआ. यानी Gold Rate मे 244 रुपये की गिरावट आई. अन्य क्वालिटी के गोल्ड प्राइस पर नजर डालें, तो 22 Karat Gold का भाव गिरकर 97,560 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. वहीं 20 कैरेट गोल्ड 88,960 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया.
गौरतलब है कि इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर हर दिन सुबह और शाम को सोने-चांदी के भाव अपडेट होते हैं और ये देशभर में समान रहते हैं. हालांकि, जब आप ज्वेलरी खरीदने के लिए जाते हैं, तो फिर उसके ऊपर आपको सोने के लिए तय 3 फीसदी का जीएसटी (Gold GST) और मेकिंग चार्ज भी देना होता है, जिससे इसकी कीमतों में इजाफा देखने को मिलता है. ये मेकिंग चार्ज राज्यों और शहरों के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं.