बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीन ने पहला बयान जारी किया है. उन्होंने हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. अपने मार्मिक संबोधन में शेख हसीना ने 15 अगस्त, 1975 की दुखद घटनाओं को याद किया, जब राष्ट्रपति और उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की उनके भाइयों और चाचा जैसे कई परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के साथ क्रूरता से हत्या कर दी गई थी. उन्होंने बंगबंधु के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया और पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
शेख हसीना ने हाल की हिंसा और अशांति के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और पुलिसकर्मियों सहित कई निर्दोष लोगों की जान चली गई. उन्होंने जुलाई से देश में चल रही उथल-पुथल पर जोर देते हुए हिंसा और खूनखराबा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
शेख हसीना ने कहा, “मेरी संवेदनाएं मेरे जैसे उन लोगों के साथ हैं जो अपने प्रियजन को खोने के दर्द से जूझ रहे हैं. मैं मांग करता हूं कि इन हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान करके उन्हें सजा दी जाए.”
बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शनों के बीच बंगबंधु भवन को ढहा दिया गया है, जिसे शहीदों की याद में बनाया गया था और इसका इस्तेमाल एक म्यूजियम के रूप में किया जा रहा था. शेख हसीना ने उसे “स्वतंत्रता का स्मारक” कहा कि यह स्मारक अतीत में हुए अत्याचारों की याद दिलाता है.
पूर्व पीएम ने कहा, “15 अगस्त 1975 को धानमंडी बंगबंधु भवन में जो जघन्य हत्याकांड हुआ था, उसकी याद को संजोए हुए घर को हम दो बहनों ने बंगाल की जनता को समर्पित किया. एक स्मारक म्यूजियम बनाया गया. देश के आम लोगों से लेकर देश-विदेश के नामचीन लोग इस घर में आ चुके हैं. यह म्यूजियम आजादी का स्मारक है.”
पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने देशवासियों से राष्ट्रीय शोक दिवस को गरिमा के साथ मनाने की अपील की, जिसमें बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए किए गए बलिदानों को याद करने की जरूरतों पर जोर दिया. उन्होंने लोगों से प्रार्थना करके और स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके शहीदों का सम्मान करने की अपील की.
शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं लेकिन यह अभी तय नहीं है कि भविष्य में भी वह भारत में ही रहेंगी. बताया जा रहा है कि वह किसी अन्य देशों में शरण की मांग कर रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन ने उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया है. इनके अलावा वह फिनलैंड और संयुक्त अरब अमीरात को ऑप्शन के रूप देख रही है.