युवाओं के रोजगार और स्वर्णिम भविष्य के लिए मध्यप्रदेश सरकार कितनी संवेदनशील है इसका अंदाजा उस वक्त लगा, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक छात्रा के अपील करते ही उसकी आगामी शिक्षा की पूरी व्यवस्था कर दी. सीएम डॉ. यादव ने न केवल उसकी एजुकेशन की जिम्मेदारी ली, बल्कि हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया. उनके इस अंदाज ने मौके पर मौजूद स्टूडेंट्स और लोगों का दिल जीत लिया.
इसके बाद स्टूडेंट्स ने कहा कि अगर मध्यप्रदेश सरकार इस तरह उनकी मदद करती रही तो प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. इस टैलेंट के आधार पर राज्य जल्द विकसित प्रदेशों में शामिल हो जाएगा.
स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप-2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 अगस्त को भोपाल के निजी होटल में आयोजित ‘स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप-2025’ वितरण कार्यक्रम में मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति और प्रशस्तिपत्र प्रदान किए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय अब बढ़कर 1 लाख 52 हजार रुपये हो गई है.
यह आय वर्ष 2002-03 तक मात्र 11 हजार रुपए थी. पिछले डेढ़ साल में सिंचाई का रकबा साढ़े सात लाख हेक्टेयर बढ़ा है. उन्होंने कहा कि नदी जोड़ो अभियान के माध्यम से प्रदेश के कई जिलों को लाभ होगा. प्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है. औद्योगिक गतिविधियों और निवेश को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
66 छात्राओं का हुआ सम्मान
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार तत्परता पूर्वक हर संभव प्रयास कर रही है. 75 फीसदी से अधिक अंक लाने और स्कूल में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप और स्कूटी देने की व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम में एमपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में प्रदेश में प्रथम आने वाली शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अमरपाटन की प्रियल द्विवेदी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया कि वह आगे की पढ़ाई वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) से करना चाहती है, लेकिन परिस्थिति के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है.
उसकी बात सुनते ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा कर दी कि प्रियल की वीआईटी में पढ़ाई की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कार्यक्रम में 66 छात्राओं को सम्मानित किया. इसमें हर जिले की टॉपर छात्रा को 50 हजार रुपए तथा प्रशस्ति पत्र और प्रदेश में प्रथम आने वाली प्रियल द्विवेदी को एक लाख रुपये दिए गए. इस मौके पर प्रियल के स्कूल को भी एक लाख रुपये की राशि का चेक दिया गया.