मऊगंज में खाद संकट: सुबह 4 से रात 9 बजे तक लाइन में खड़े किसान, फिर भी लौट रहे खाली हाथ

मऊगंज: हनुमना और देवतालाब समेत जिले के तमाम क्षेत्रों में इन दिनों किसान खाद के लिए घंटों नहीं, बल्कि पूरे दिन कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं. हालत यह है कि सुबह 4 बजे से लेकर रात 9 बजे तक लाइन में लगे किसान, अपनी पत्नी और बच्चों तक को नंबर जल्दी आने के लिए साथ खड़ा कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी खाद मिलने की कोई गारंटी नहीं है.

जिले में रोजाना 2-3 ट्रक यूरिया खाद आने का दावा किया जा रहा है, जबकि हजारों किसानों की भीड़ में से केवल 50-100 लोगों के हिस्से में ही खाद आती है. इससे नाराजगी और विवाद का माहौल बनता है, जिसके चलते कई बार पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ता है. किसानों का कहना है कि शराब की बोतल मिनटों में उपलब्ध हो जाती है, लेकिन खाद के लिए उन्हें दिनों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.

पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने गंभीर आरोप लगाया है कि समितियों से रात में व्यापारियों को खाद बेची जाती है, जो बाद में किसानों को महंगे दामों में बेची जाती है. कई जगह नकली खाद भी मिलने की शिकायतें सामने आई हैं, जो खेत में घुलती तक नहीं और फसलों को नुकसान पहुंचाती है.

जिले की साढ़े 6 लाख की आबादी के बीच खाद की आपूर्ति बेहद कम है, जिससे किसानों की नींद, भूख-प्यास और सुरक्षा सब खतरे में पड़ गई है. कई किसान 10-12 दिनों से रोज लाइन में लग रहे हैं, लेकिन खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं. इस बीच, उनकी फसलें सूख रही हैं और उम्मीद टूटती जा रही है.

राजनीतिक उपेक्षा भी किसानों के गुस्से का बड़ा कारण है. 15 अगस्त को मऊगंज को जिला बने दो साल पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन हालात आज भी तहसील से भी बदतर हैं. भ्रष्टाचार खुलेआम है और नेताओं का काम केवल बयानबाज़ी और फोटोग्राफी तक सीमित है. प्रभारी मंत्री लखन पटेल स्वतंत्रता दिवस पर मऊगंज में ध्वजारोहण करेंगे, लेकिन मंत्री बनने के बाद यह उनका मात्र दूसरा दौरा होगा.

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