गाजीपुर : गंगा के बाढ़ में अब तक लोगों को अपने घरों तक या खेतों तक पहुंचाने के लिए नाव से पहुंचने का नजारा देखा होगा लेकिन गाजीपुर में पहली बार लोग अपने घर या फिर खेत पर जाने के लिए सीढियो का सहारा लेते हुए देखे जा रहे हैं जी हां मामला भांवरकोल ब्लॉक के कोटवा लट्टूडीह मार्ग का है जहां पर पुलिया का निर्माण पिछले काफी दिनों से हो रहा था.
लेकिन इधर कई महीने से काम बंद हो गया था और इस मार्ग पर आने-जाने के लिए संबंधित विभाग के द्वारा एक वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था लेकिन मगई की बाढ़ में या तो मार्गबह गया या फिर डूब गया है.जिसके चलते अब लोगों को अपने घरों और खेतों में आने-जाने के लिए पुलिया पर सीढ़ी लगाकर चढ़ना पड़ता है और फिर दूसरी तरफ सीढ़ी लगाकर पुलिया से उतरकर अपने गंतव्य को रवाना हो रहे हैं.
बता दे की गाजीपुर जनपद में गंगा का बाढ़ काफी दिनों से आया हुआ था लेकिन इधर एक सप्ताह से गंगा का पानी कम हो रहा है लेकिन सहायक नदी जिसमें मगई नदी का जलस्तर अभी भी बढा हुआ है और यह नदी भावरकोल ब्लॉक के कई गांवों को इफेक्ट किया हुआ है ऐसा ही एक मार्ग जो लठ्ठूडीह से कोटवा होते हुए कोटवा नारायणपुर और बिहार को जोड़ता है.
जिसकी लंबाई करीब 17 किलोमीटर है जिसके जाने के लिए एक मात्र रास्ता था लेकिन पुलिया बनने की वजह से कार्यदाई संस्था ने एक वैकल्पिक रास्ता ग्रामीणों के लिए बनाया था जिस पर सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन मगई नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण वह वैकल्पिक मार्ग भी डूब गया जिसके कारण अब लोगों को सीढ़ी के सहारे अपने गांव और घर को पहुंचाने की मजबूरी हो गई है.
ऐसे में मौजूदा समय में पुलिया के दोनों तरफ के खेतों में पानी भरा हुआ है और इस सीढ़ी के सहारे वृद्ध बच्चे और जवान सभी आ जा रहे हैं इतना ही नहीं अपने सर पर घास या फिर फसल का बोझ सर पर लाद कर सीढ़ी के सहारे चल रहे हैं ऐसे में यदि कोई भी हादसा हो जाता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा क्योंकि अभी तक संबंधित विभाग या जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस मामले को संज्ञान नहीं लिया है.
वही इस मामले पर अपर जिला अधिकारी एवं आपदा प्रबंधन प्रभारी दिनेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह का मामला उनके संज्ञान में आया है हालांकि अभी उस वैकल्पिक रास्ते पर पानी भरा हुआ है पानी कम होते ही एक बार फिर से वैकल्पिक रास्ता बनाने का प्रयास किया जाएगा.