कहते हैं, प्रेम कहानियां अक्सर सुखद अंत की उम्मीद जगाती हैं. लेकिन बस्ती की यह प्रेम कहानी खून से लथपथ त्रासदी में बदल गई. ढाई साल तक एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा करने वाले प्रेमी-प्रेमिका, महज़ दस दिन पहले शादी के बंधन में बंधे थे. कसमें-वादे, मंदिर की सात फेरियां और कोर्ट के दस्तावेज सब कुछ हुआ. लेकिन शादी के दसवें दिन, वही शख्स जिसने साथ जीने-मरने की कसम खाई थी, अपनी पत्नी का गला नहीं बल्कि पेट चाकू से चीर डाला.
घटना से पहले का रिश्ता
मामला बस्ती सदर कोतवाली क्षेत्र का है. यहां तैनात डीसीआरबी का सिपाही गामा निषाद और माया गौड़ की मुलाकात कोई आम इत्तेफाक नहीं थी. माया, बस्ती कोर्ट में संविदा पर डेटा फीडिंग का काम करती थी. कोर्ट के गलियारों में कई बार आमने-सामने आना, फिर बातचीत, और धीरे-धीरे दोस्ती का रिश्ता यहीं से प्रेम की शुरुआत हुई.
पड़ोसियों और जानकारों के मुताबिक, दोनों का रिश्ता कोई चुपा-छुपी वाला नहीं था. पिछले ढाई साल से वे लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. लोगों ने उन्हें कई बार एक साथ बाजार में घूमते, मंदिर जाते और त्योहार मनाते देखा था. दोनों ने तय किया कि अब रिश्ते को सामाजिक मान्यता देनी चाहिए. फिर 10 दिन पहले, उन्होंने कोर्ट मैरिज की और मंदिर में शादी की रस्म भी निभाई.
खुशियों से झगड़ों तक का सफर
शादी के बाद आमतौर पर नए जोड़े के बीच प्यार और अपनापन और गहरा हो जाता है, लेकिन इस घर में हालात उलटे हो गए. पड़ोसियों के अनुसार, शादी के पहले जहां दोनों का रिश्ता बेहद मधुर था, वहीं शादी के बाद से ही बात-बात पर झगड़े होने लगे. बताया जा रहा है कि शादी के बाद दोनों जेल गेट पुलिस चौकी के पास एक किराए के मकान में रहने लगे थे. शादी के सिर्फ 10 दिनों में ही उनका रिश्ता खटास से भर गया. झगड़ों की वजह क्या थी, यह तो अभी पुलिस की जांच में स्पष्ट नहीं है, लेकिन आस-पड़ोस में यह चर्चा थी कि शादी के बाद कुछ निजी और आर्थिक मुद्दों को लेकर मतभेद गहरे हो गए थे.
खून से सनी वो रात
घटना बीती रात लगभग 12 बजे की है. उस समय मोहल्ला नींद में डूबा था. अचानक गामा निषाद और माया के घर से तेज़ आवाज़ें और चीख-पुकार सुनाई देने लगीं. झगड़ा इतना बढ़ गया कि सिपाही गामा ने रसोई में रखा सब्जी काटने का चाकू उठाया और माया के पेट में ताबड़तोड़ वार कर दिए. हमले की रफ्तार इतनी तेज और वार इतने गहरे थे कि माया वहीं जमीन पर लहूलुहान होकर गिर पड़ी. कुछ ही मिनटों में अधिक रक्तस्राव से उसकी मौत हो गई. चीखें सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हुए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलते ही बस्ती कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी सिपाही को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. रात में ही एसपी अभिनंदन भी घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने मौके का मुआयना करते हुए बताया रात में सूचना मिली कि डीसीआरबी में तैनात सिपाही गामा निषाद ने अपनी पत्नी की चाकू मारकर हत्या कर दी है. दोनों की 10 दिन पहले कोर्ट मैरिज हुई थी. शादी के बाद से ही दोनों के बीच विवाद चल रहा था. घटना वाली रात विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी ने पत्नी के पेट में कई बार चाकू से वार कर दिया. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
परिजनों का आक्रोश
माया के पैतृक गांव पकड़ी चंदा (थाना मुंडवा) में जैसे ही यह खबर पहुंची, पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल फैल गया. माया के परिजन सदमे में हैं. उनका आरोप है कि शादी के बाद गामा का बर्ताव अचानक बदल गया था और वह माया पर मानसिक दबाव डालने लगा था. परिजनों ने सख्त कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि एक कानून का रक्षक ही जब कानून तोड़ने लगे तो समाज में आम आदमी की सुरक्षा किससे उम्मीद करे.
ढाई साल का रिश्ता, दस दिन में अंत
यह मामला केवल एक हत्या का नहीं, बल्कि उस भरोसे के टूटने का भी है जो एक लंबे रिश्ते में पनपता है. ढाई साल तक एक-दूसरे के साथ रहने, हर सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करने वाले लोग, शादी के महज़ दस दिन बाद ही एक-दूसरे के लिए जहर क्यों बन जाते हैं? समाजशास्त्रियों का मानना है कि ऐसे मामलों में रिश्तों के भीतर दबे हुए तनाव और असुरक्षा, शादी के बाद ज़्यादा सतह पर आ जाते हैं. शादी से पहले जहां लोग अपने आप को बेहतर तरीके से पेश करते हैं, वहीं शादी के बाद वास्तविक परिस्थितियां सामने आने लगती हैं.
आगे की जांच
पुलिस ने आरोपी गामा निषाद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. साथ ही, हत्या की वजहों का पता लगाने के लिए परिजनों, पड़ोसियों और सहकर्मियों से पूछताछ की जा रही है. जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या शादी के बाद कोई आर्थिक विवाद, पारिवारिक दबाव या अन्य कारण इस घटना की जड़ में थे.