जयपुर: कांग्रेस का वोटर लिस्ट गड़बड़ी के विरोध में पैदल मार्च, प्रदेश के दिग्गज नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हुए शामिल

जयपुर: राजधानी जयपुर में बुधवार को वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने विरोध-प्रदर्शन किया.  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में आयोजित इस पैदल मार्च में पार्टी के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए. प्रदर्शन के दौरान ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे गूंजे. पैदल मार्च प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई. मार्च का समापन शहीद स्मारक हुआ.

इस पैदल मार्च में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खत्री सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीसीसी कार्यालय तो पहुंचे, लेकिन वे पैदल मार्च में शामिल नहीं हुए.

पैदल मार्सच के दौरान सचिन पायलट बोले- शक को दूर करने के लिए इलेक्शन कमीशन को कदम उठाना चाहिए. सरकार को आगे नहीं करना चाहिए. निर्वाचन आयोग खुद आगे आए और बताए कि कहां गड़बड़ी हुई है.

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा सरकार वोट चोरी के दम पर सत्ता में आई है. डोटासरा ने दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ठोस सबूतों के साथ यह साबित कर दिया है कि केंद्र की सत्ता फर्जी वोटों के जरिए हासिल की गई है. उन्होंने मांग की है कि वोट चोरी के जरिए सत्ता पर काबिज लोग तुरंत अपनी कुर्सी छोड़ें.

डोटासरा ने कहा कि दोहरी रणनीति के तहत लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. एक ओर फर्जी वोटों के जरिए सत्ता हथियाई जा रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष के समर्थक मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाया जा रहा है. यह एक दोहरी तलवार है, जिसका मकसद विपक्ष को सत्ता से दूर रखना है. उन्होंने भाजपा पर ‘साम, दाम, दंड, भेद’ की नीति अपनाने का आरोप लगाया, ताकि विपक्ष किसी भी तरह सत्ता में न आ सके.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शरद पवार और अखिलेश यादव ने दिल्ली में जो प्रदर्शन किया, उसने पूरे देश में यह संदेश दिया है कि वोटों की चोरी का खेल चल रहा है. राहुल गांधी ने आंकड़ों के साथ अपनी बात रखी, लेकिन निर्वाचन आयोग उनसे हलफनामा मांग रहा है. यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. बिहार में 60 लाख वोट काटे गए, लेकिन एक भी वोट जोड़ा नहीं गया. यह सारा मामला संदिग्ध है.

आपको बताते चलें कि पैदल मार्च के दौरान जयपुर के शहीद स्मारक पर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उस समय विरोध का सामना करना पड़ा, जब वहां पहले से लगे एक पोस्टर को लेकर बहस छिड़ गई। यह पोस्टर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी नेता हनुमान बेनीवाल की ओर से सब इंस्पेक्टर भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर लगाया गया था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पोस्टर हटाने की कोशिश का वहां बैठे आरएलपी कार्यकर्ता विकास विधूड़ी और लादू राम ने विरोध किया. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में नोकझोंक भी हुई, लेकिन स्थिति को पुलिस और वरिष्ठ नेताओं ने संभाल लिया.

कांग्रेस का यह प्रदर्शन वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों को लेकर जनता के बीच जागरूकता फैलाने और निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाने के लिए किया गया है. बता दें कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का निर्णय लिया है. प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों का सच सामने नहीं आ जाता.

पैदल मार्च में कांग्रेस के विधायक, सांसद, प्रत्याशी और कार्यकर्ता भी हिस्सा लिए. इंडिया गठबंधन पूरे देश में इस मुद्दे पर आंदोलन चला रहा है. कांग्रेस का कहना है कि यह मार्च लोकतंत्र, संविधान और एक व्यक्ति एक वोट के अधिकार की रक्षा के लिए निकाला गया है.

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