विश्व हाथी दिवस पर तमोर पिंगला में संस्कृति और संरक्षण का संगम

 

सूरजपुर : प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित तमोर पिंगला अभ्यारण्य, रामकोला में मंगलवार को विश्व हाथी दिवस श्रद्धा, जागरूकता और उत्साह के साथ मनाया गया.रेस्क्यू सेंटर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक एवं विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा उपस्थित रहे.कार्यक्रम की शुरुआत गणेश देवता की पूजा-अर्चना से हुई, जिसके बाद विधायक व जिला पंचायत अध्यक्ष ने हाथियों को फल खिलाकर उनके स्वास्थ्य, लंबी उम्र और सुरक्षित जीवन की मंगलकामना की.

छात्र-छात्राओं के लिए जागरूकता का मंच

इस अवसर पर स्थानीय स्कूलों के बच्चों के बीच चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें हाथी संरक्षण और वन्यजीव प्रेम पर आधारित चित्र बनाए गए. विजयी विद्यार्थियों को मंच से सम्मानित किया गया.रेस्क्यू सेंटर के हाथी विशेषज्ञों ने बच्चों को हाथियों के जीवन, व्यवहार, भोजन, सामाजिक संरचना और जंगल में उनके महत्व की जानकारी दी.

हाथी–मानव द्वंद पर विशेष उद्बोधन

जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा ने कहा —
“हाथी हमारे जंगलों के प्रहरी और प्रकृति के संतुलन के रक्षक हैं.आज मानव अपनी बढ़ती आवश्यकताओं के कारण जंगलों को नष्ट कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हाथियों का प्राकृतिक आवास सिकुड़ रहा है और वे मानव बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं.यह संघर्ष हमारे ही द्वारा उत्पन्न है। बीते वर्षों में सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया सहित कई जिलों में हाथी–मानव टकराव में दर्जनों जानें गई हैं और फसलें बर्बाद हुई हैं. हमें यह समझना होगा कि हाथी दोषी नहीं हैं, बल्कि हम उनके घर में दखल दे रहे हैं.

 

 

उन्होंने आगे कहा कि हाथी संरक्षण केवल वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को इसमें भागीदारी निभानी होगी.इसके लिए गांवों में जागरूकता अभियान, हाथी गलियारों का संरक्षण, रेस्क्यू और पुनर्वास केंद्रों का विस्तार तथा मुआवजा वितरण की तेज व्यवस्था आवश्यक है.

हाथी दिवस का संदेश

इस आयोजन ने स्पष्ट संदेश दिया कि हाथी केवल वन्यजीव नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरणीय मित्र हैं.उनका संरक्षण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी जंगल में हाथियों की गरिमामयी गर्जना सुन सकें.

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