बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक युवक की जान बचाने में डॉक्टरों को सफलता मिली है। चोरभट्टी गांव के पास मामूली कहासुनी के दौरान युवक पर चाकू से 17 वार किए गए थे।
घायल युवक को जब अस्पताल लाया गया, तब उसकी स्थिति नाजुक थी। छाती में गहरे घाव से फेफड़े फट चुके थे। हवा पूरे शरीर की त्वचा के नीचे फैल गई थी। पेट के अंदरूनी हिस्से भी चाकू से क्षतिग्रस्त हो गए थे।
सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनोद तामकनंद और पीजी डॉक्टर गरिमा ने तत्काल ऑपरेशन शुरू किया। एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. भावना रायजादा, डॉ. शीतल, डॉ. प्राची और नर्सिंग स्टाफ की सिस्टर मीना ने सहयोग किया।
कटी हुई आंत को जोड़ा
डॉक्टरों की टीम ने कटी हुई आंत को जोड़ा। फटे डायफ्राम की सर्जरी की। फेफड़ों को फिर से कार्यशील बनाया। सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने आवश्यक दवाएं और उपकरण तुरंत उपलब्ध कराए।
कई घंटों की मेहनत के बाद ऑपरेशन सफल रहा। मरीज ने नई जिंदगी पाई। अब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुका है।