बड़वानी जिले के कसरावद पुल से दो माह के मासूम को छोड़कर पत्नी के साथ नर्मदा नदी में छलांग लगाने वाले युवक नीलेश बड़ोले का शव बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मिल गया। पुलिस और एसडीईआरएफ की टीम को करीब 42 घंटे की सर्चिंग के बाद नीलेश का शव तलाशने में सफलता मिली।
बता दें कि एक दिन पहले यानी मंगलवार को पत्नी जागृति का शव मिला था। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए धार जिले के नसीरपुर भेज दिया है।
यह घटना 11 अगस्त की रात करीब 8 बजे की है, जब नीलेश और जागृति अपने दो महीने के बच्चे को कसरावद पुल पर छोड़कर नर्मदा में कूद गए थे। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण लक्ष्मण बघेल ने बताया कि दोनों पैदल पुल पर पहुंचे। कुछ देर तक खड़े रहे। इसके बाद महिला ने बच्चे को पुल पर रखा और दोनों ने छलांग लगा दी। उन्हें बचाने की कोशिश की गई, लेकिन वे नदी में ओझल हो गए।
कुक्षी थाना प्रभारी राजेश यादव ने बताया कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही कि दोनों ने किस वजह से आत्महत्या की। फिलहाल, उनकी मौत का कारण रहस्य बना हुआ है।
मां बोली- नीलेश इकलौता सहारा था, अब पोते को पालूंगी
दोपहर करीब 1 बजे लापता नीलेश की मां मोयदा बड़ोले जिला अस्पताल पहुंचीं। यहां उन्होंने अपने पोते को देखा। उन्होंने बताया कि मेरा एक ही बेटा था। नीलेश डेढ़ साल पहले उसकी शादी हुई थी। शादी के दो महीने बाद वह गुजरात के सूरत में मजदूरी करने गया था। जो करीब एक साल बाद वापस घर लौटा था।
दो महीने पहले ही बहू की डिलीवरी हुई थी। सूरत से उसके सेठ का फोन आया था। बेटे नीलेश ने 13 अगस्त तक वापस काम पर लौटने की बात की थी। इसके लिए वह 11 अगस्त की दोपहर को घर से अपनी पत्नी जागृति ओर बच्चे को लेकर बड़वानी आया था। यहां से उसे सूरत जाना था, लेकिन सूरत नहीं जाकर उसने अपनी पत्नी के साथ पुल से छलांग लगा दी।
12 अगस्त की दोपहर हमें पता चला कि हमारा बेटा नीलेश ओर बहू बच्चे को पुल पर रखकर नर्मदा नदी में कूद गए। उन्होंने बताया कि घर से दोनों हंसी-खुशी निकले थे। सब कुछ ठीक था। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ। हमारी कुछ समझ में नहीं आ रहा।
नीलेश हमारा इकलौता बेटा था। अब हमारा कोई सहारा नहीं है। मैं अपने पोते को लेने आई हूं। मैं अपने पोते की घर ले जाकर परवरिश करूंगी। अब वही हमारा सहारा है। उन्होंने कहा कि अब घर में हम ही दोनों पति-पत्नी रह गए हैं। हम खेतों में मजदूरी करते हैं।
कसरावद पुल बन चुका सुसाइड पॉइंट: सुरक्षा के इंतजाम नहीं, लापरवाही जारी
जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर कसरावद स्थित नर्मदा नदी पर बना पुल एक “सुसाइड पॉइंट” बन गया है। आए दिन यहां आत्महत्या की खबरें आती रहती हैं, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। पुल पर ना तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, ना ही ऊंची रेलिंग है। ना ही रात में पर्याप्त रोशनी है। इसके अलावा यहां कोई निगरानी की व्यवस्था भी नहीं है।
यह पुल खंडवा-बड़ौदा राज्य मार्ग नंबर 26 (एसएच-26) पर स्थित है, जो मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को जोड़ता है। समाजसेवी अजित जैन ने बताया कि एक दशक में 100 से अधिक लोग इस पुल से कूदकर अपनी जान दे चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आठ वर्षों में औसतन हर साल 10 लोगों की मौत हुई है। इस साल 2025 में 12 अगस्त तक 10 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
सामाजिक संगठन आठ वर्षों से पुल पर ऊंची रेलिंग लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन और प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। अजित जैन के अनुसार, हर महीने कम से कम एक व्यक्ति इस पुल से कूदकर जान दे रहा है। बारिश के मौसम में यह संख्या और भी बढ़ जाती है, जब नर्मदा नदी में पानी अधिक होता है।
वर्ष दर वर्ष जारी मौत
- वर्ष- मौत
- 2017- 15
- 2018- 21
- 2019- 10
- 2020- 07
- 2021- 07
- 2022- 12
- 2023- 12
- 2024- 15
- 2025- 10 (अब तक)