किश्तवाड़ के पाडर में फिर से फटा बादल, 10 की मौत, रेस्क्यू जारी

उत्तर भारत में मानसून जारी है. पहाड़ी इलाकों से बादल फटने और बाढ़ आने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. ताजा खबर जम्मू संभाग के किश्तवाड़ से आई है. यहां पाडर इलाके में बादल फटा है. हादसे में 10 लोगों की मौत की खबर है. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है. बादल फटने के बाद इलाके की नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं.

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा- अभी-अभी, जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक श्री सुनील कुमार शर्मा से हमें जानकारी मिली है पाडर के चसोती क्षेत्र में बादल फटा है. हमनें किश्तवाड़ के उपायुक्त श्री पंकज कुमार शर्मा से बात की.

प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल पर मौजूद है. नुकसान का आकलन किया जा रहा है और आवश्यक बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन व्यवस्था की जा रही है. मेरा कार्यालय नियमित रूप से अपडेट प्राप्त कर रहा है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी.

एक न्यूज एजेंसी को अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को मचैल माता यात्रा के रास्ते में एक सुदूर गांव में हुए भीषण बादल फटने से कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका है. बादल फटने से मंदिर जाने वाले रास्ते में पड़ने वाला आखिरी मोटर-सक्षम गांव चसोती प्रभावित हुआ. अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है और अधिकारी सभी संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं.

पार्किंग की जगह सैलाब

जिस इलाके में बादल फटा है, वहां पार्किंग थी. वहां मचैल जाने वालों के लिए लंगर लगाया जाता था. माता के दर्शने के लिए कार से जाने वालों के लिए ये आखिरी पड़ाव है. यहां से आगे कार नहीं जाती. यहीं गाड़ी को पार्क करके आगे का रास्ता पैदल तय करना होता है. इसी वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बादल फटने के समय वहां काफी भीड़ रही होगी.

कई गांवों में पानी भरने की आशंका को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है. प्रशासनिक टीमों ने गांव-गांव जाकर लोगों से नदियों और जलधाराओं से दूरी बनाए रखने की अपील की है. चार दिन पहले भी पाडर में बादल फटा था. इससे सजार इलाके के नाले में तेज बहाव से पानी आ गया था. तेज बहाव से चिनाब नदी का जल स्तर भी बढ़ गया था.

मचैल माता यात्रा, जिसे श्री चंडी माता मंदिर यात्रा के नाम से भी जाना जाता है, जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और साहसिक यात्रा है. यह यात्रा मुख्य रूप से अगस्त के महीने में होती है और भक्त माता चंडी के दर्शन के लिए 30 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं.

यात्रा मार्ग:

जम्मू से, यात्री किश्तवाड़ के लिए सड़क मार्ग से जाते हैं, जो लगभग 306 किलोमीटर दूर है.

किश्तवाड़ से, यात्री गुलाबगढ़ तक सड़क मार्ग से जाते हैं.

गुलाबगढ़ से, तीर्थयात्री 30 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके मचैल माता मंदिर पहुंचते हैं.

उपराज्यपाल ने जताया शोक

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना में हुई जानमाल की हानि पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा- किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. असैन्य, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को और तेज करने तथा प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए.

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