बिहार: सारण में जहरीली शराब पीने से युवक की आंखों की रोशनी गई

सारण :बिहार के सारण जिले में अवैध शराब का कहर एक बार फिर देखने को मिला. मकेर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 36 वर्षीय रमेश महतो की आंखों की रोशनी चली गई. जानकारी के अनुसार, मंगलवार की शाम रमेश ने गांव के एक शराब तस्कर से शराब खरीदी थी. रात करीब 11 बजे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. परिजन उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मकेर लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सा प्रभारी डॉ. गोपाल कृष्ण प्रसाद ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। मरीज ने खुद शराब पीने की बात कबूल की है.

घटना की सूचना मिलते ही मकेर थानाध्यक्ष राम निवास कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पीड़ित की पत्नी से पूरे मामले की जानकारी ली. पुलिस ने शराब तस्करों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है.मद्य निषेध विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी, लेकिन जांच का आश्वासन दिया है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री जारी है. चार साल पहले भी इसी गांव में जहरीली शराब से छह लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठे थे.सारण में जहरीली शराब का इतिहास पुराना है। दिसंबर 2022 में दोइला और यदु मोट गांव में जहरीली शराब से 73 लोगों की मौत हुई थी, जो अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी रही. 4 अगस्त 2022 को मकेर के भाथा गांव में 11 लोग मारे गए थे। अक्टूबर 2024 में मशरख के इब्राहिमपुर और सीवान के मधर गांव में 30 से अधिक मौतें हुईं.2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार में जहरीली शराब से 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है.

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