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मौसमी बीमारी ने दी दस्तक, आरबीएम अस्पताल में आउटडोर मरीज दो हजार के पार

भरतपुर: बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति बन रही है. इससे मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ा है. हालत यह है कि संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल के आउटडोर में हर दिन ढाई हजार से भी अधिक मरीज पहुंच रहे हैं. वहीं, इनडोर में भी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं.

जिले में गर्मी और उमस के बीच रुक-रुक कर हो रही बारिश से स्थिति और बिगड़ी है. जल जमाव के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ी है. दूषित पानी और भोजन से उल्टी-दस्त और टाइफाइड के मामले सामने आ रहे हैं. हालत यह हो गए हैं कि लोग सरकारी अस्पताल की बजाय अब निजी अस्पताल में अपना उपचार करा रहे है

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मौसम में परिवर्तन से बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. इन दिनों बुखार और खांसी के साथ-साथ डायरिया के मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं. जिला अस्पताल में मरीजों के चलते सभी वार्ड फुल है एक भी बेड खाली नहीं है. सभी बेडों पर मरीज भर्ती हैं और उनका उपचार किया जा रहा है.

आरबीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ नगेंद्र भदौरिया ने बताया कि इस समय मौसमी बीमारी का प्रकोप है और आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.सभी वार्डो के बेड फुल है. आरबीएम ओपीडी की बात करे तो 1 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक 30 हजार 880 के आस पास मरीज ईलाज कराने पहुंचे है. आरबीएम अस्पताल के सभी वार्ड फुल है. अभी नए अस्पताल में व्यवस्था शुरू नहीं हुई है जिसके चलते मरीज को भर्ती करने में समस्या आ रही है.

इन दिनों आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या को देख अन्य मरीज भी परेशान है. अस्पताल में बेड फुल होने के चलते मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है और अपनी बीमारी का ईलाज निजी अस्पताल में कराना पड़ रहा है. चिकित्सक के अनुसार उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सामान्य लक्षण हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों से बचाव के लिए कई सुझाव दिए हैं. इनमें उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पीना, बासी भोजन से बचना और खाना बनाने व खाने से पहले हाथ धोना शामिल है. विभाग ने लोगों को आसपास सफाई रखने और पानी जमा न होने देने की सलाह भी दी है.

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