भारत ने पाकिस्तान की ओर से लगातार दिए जा रहे भारत-विरोधी बयानों को लेकर गुरुवार (14 अगस्त, 2025) को करारा जवाब दिया है. भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि किसी भी गलत कदम का उसे दर्दनाक और गंभीर नतीजा भुगतना होगा.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान के इन बयानों को एक जानी-पहचानी रणनीति करार दिया है, जिसका उद्देश्य भारत-विरोधी माहौल बनाना और अपनी नाकामियों से सभी का ध्यान भटकाना है.
पाकिस्तान की बयानबाजी पर भारत ने दी चेतावनी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार (14 अगस्त, 2025) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम पाकिस्तान की तरफ से लगातार भारत विरोधी बयान सुन रहे हैं, युद्ध भड़काने वाले, बयान देखे हैं. अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार भारत विरोधी बात कहना पाकिस्तानी नेतृत्व का तरीका है. पाकिस्तान को सलाह है कि वे अपने बयान पर संयम रखे, किसी भी दुस्साहस का परिणाम दर्दनाक होगा.
शहबाज शरीफ ने भारत को दी थी धमकी
भारतीय विदेश मंत्रालय की यह गंभीर प्रतिक्रिया पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की एक चेतावनी के बाद सामने आई है. पाकिस्तानी पीएम ने मंगलवार (12 अगस्त, 2025) को चेतावनी दी थी कि भारत को उनके देश का एक बूंद पानी भी नहीं लेने दिया जाएगा. पाकिस्तान का यह बयान भारत की ओर से 1960 के सिंधु जल समझौता को निलंबित करने के फैसले के बाद आया है.
इस्लामाबाद में एक समारोह के दौरान पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, “अगर आप हमारे पानी को रोकने की धमकी देंगे, तो पाकिस्तान से भी एक बूंद पानी नहीं छीन सकते हैं. अगर भारत कुछ ऐसा करने की कोशिश भी करेगा, तो उसे सबक सिखाया जाएगा.” पाकिस्तान ने बार-बार दावा किया है कि पाकिस्तान में पानी को बहने से रोकना युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी.
बिलावट भुट्टो से लेकर जरदारी तक ने दिया भारत-विरोधी बयान
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान के पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से लेकर पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो तक ने भारत-विरोधी बयान दिए. उन्होंने सिंधु जल समझौते को निलंबित करने की तुलना सिंधु घाटी सभ्यता पर हमले से की और चेतावनी दी कि अगर हमें युद्ध के लिए मजबूर किया गया, तो पाकिस्तान भी पीछे नहीं हटेगा.
भारत-अमेरिका के रिश्तों पर विदेश मंत्रालय का बयान
वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारत-अमेरिका के रिश्तों पर कहा, “हमारा मानना है कि ये साझेदारी म्यूचुअल रिस्पेक्ट के आधार पर आगे बढ़ती रहेगी. दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत हैं. ये रिश्ते पिछले कुछ सालों में इसका फैलाव बढ़ा है. इसी महीने एक रक्षा नीति टीम अमेरिका से आने वाली है. दोनों देशों में ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज अलास्का में इसी महीने होने वाली है.”