मऊगंज: 15 अगस्त 2023 को मध्यप्रदेश के 53वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया मऊगंज, आज अपना दूसरा स्थापना दिवस मना रहा है. 4 मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका ऐलान करते समय कहा था कि अब कलेक्टर, एसपी और सभी विभाग यहीं होंगे. विकास की रफ्तार बढ़ेगी और सरकारी कामकाज के लिए 80-100 किलोमीटर दूर रीवा नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन दो साल पूरे होने पर भी तस्वीर उम्मीदों से उलट है. अधिकांश विभागों के कार्यालय अब भी रीवा से ही संचालित हो रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं, सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं अधूरी हैं और भ्रष्टाचार की कहानियां खुलेआम सुनाई दे रही हैं.
अस्थायी मुख्यालय, खाली पदों का अंबार
जिला मुख्यालय का संचालन अब भी अस्थायी रूप से लॉ कॉलेज की इमारत से हो रहा है. भूतल पर कलेक्टर का कार्यालय और ऊपर एसपी का दफ्तर. 100 स्वीकृत पदों में से 92 रिक्त हैं, जिसमें अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, सहायक लेखाधिकारी, अधीक्षक, स्टेनोग्राफर, वाहन चालक जैसे अहम पद शामिल हैं. नतीजतन, कलेक्टर को कई छोटे-मोटे काम भी खुद देखने पड़ रहे हैं.
विभागों की रीवा से हुकूमत
शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, वन, परिवहन, जल संसाधन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कोषालय, कृषि, उद्यान, खनिज और स्वास्थ्य जैसे अधिकांश विभाग रीवा से ही संचालित हैं. व्यापारी अनमोल कुमार गुप्ता का कहना है कि पहले एक काम के लिए रीवा जाना पड़ता था, अब दो जिलों में दौड़ना पड़ता है.
अस्पताल अब भी सिविल, पुलिस बल अधूरा
मऊगंज का सिविल अस्पताल अब तक जिला अस्पताल का दर्जा नहीं पा सका है. महिला डॉक्टर और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है, जिससे प्रसव और गंभीर मामलों में मरीजों को 70 किलोमीटर दूर रीवा भेजना पड़ता है. वहीं, 310 पुलिस बल की स्वीकृति में से सिर्फ 195 तैनात हैं, जिससे अपराध बढ़ते जा रहे हैं. हत्या, बलात्कार, नशाखोरी और हिंसक घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
घोषणाएं अधूरी, जनता निराश
जनपद सदस्य शेख मुख्तार सिद्दीकी ने कहा कि दो साल में हालात पहले से भी बदतर हैं, मुख्यमंत्री की 21 घोषणाओं में से एक भी पूरी नहीं हुई. अधिवक्ता अनिल तिवारी के मुताबिक, जिला सिर्फ कागजों पर है, अधिकारी रीवा में बैठकर काम कर रहे हैं.
बीजेपी का वादा- तीन साल में पूरी तरह स्थापित होगा जिला
बीजेपी जिला अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मिश्रा का कहना है कि 16 विभागों के अधिकारी मऊगंज में पदस्थ होंगे, कलेक्ट्रेट भवन के लिए भूमि आवंटन और टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अगले तीन साल में मऊगंज पूर्ण स्वरूप में स्थापित हो जाएगा.