यूपी के बरेली जिले के राजेंद्र नगर में रहने वाले करदाता विपीन सक्सेना पिछले एक साल से नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं. वजह कुछ और नहीं, बल्कि नगर निगम के टैक्स विभाग की बड़ी लापरवाही है. एक ही मकान का हाउस टैक्स तीन-तीन बार भेज दिया गया. अब बिना किसी गलती के तीन गुना टैक्स भरने की मांग ने विपीन सक्सेना को मुश्किल में डाल दिया है. विपीन सक्सेना का कहना है कि उन्होंने समय पर और सही तरीके से अपना टैक्स भरा है, लेकिन फिर भी विभाग ने उन्हें बार-बार बिल भेज दिए. पिछले एक साल से वह विभाग के ऑफिस जाकर अधिकारियों को बता रहे हैं कि बिल गलत है, लेकिन हर बार सिर्फ देखते हैं, ठीक कर देंगे का आश्वासन मिलता रहा.
दरअसल, बीते गुरुवार को मामला तब गरमा गया, जब समाजवादी पार्टी के पार्षद गौरव सक्सेना सीधे मुख्य कर निर्धारण अधिकारी (CTO) के ऑफिस पहुंच गए. वहां उन्होंने विपीन सक्सेना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नगर निगम का टैक्स विभाग मनमानी पर उतारू है और ईमानदार करदाताओं को परेशान करना इनकी आदत बन गई है. गौरव सक्सेना ने गुस्से में कहा कि बिना गलती के तीन गुना टैक्स थोपना सीधा अन्याय है.
टैक्स विभाग की कार्यशैली में न पारदर्शिता है और न ही जवाबदेही. उन्होंने अंदर ही जमकर हंगामा शुरू कर दिया और विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही, उन्होंने तुरंत गलत बिल सुधारने और करदाता को राहत देने की मांग की. धरने के दौरान नगर निगम के कर्मचारी भी इकट्ठा हो गए और माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया. हालांकि, किसी तरह माहौल को शांत कराया गया.
CTO ने दिया जल्द समाधान का भरोसा
हंगामा और धरने की सूचना मिलते ही मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पी.के. द्विवेदी ने पार्षद गौरव सक्सेना से मुलाकात की और पूरी बात सुनी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की जांच करके जल्द ही समाधान किया जाएगा, ताकि करदाता को आगे परेशानी न हो. विपीन सक्सेना जैसे कई करदाता हैं, जो विभाग की लापरवाही की वजह से बार-बार दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. शहर के लोगों का कहना है कि नगर निगम को टैक्स वसूली में पारदर्शिता और तकनीकी सुधार करने चाहिए, ताकि ईमानदार लोग परेशान न हों.
जानिए लोगों की राय
राजेंद्र नगर और आसपास के लोगों का कहना है कि अगर नगर निगम के अधिकारी थोड़ी सी भी सतर्कता बरतें तो ऐसे मामले कभी पैदा ही न हों. एक बार टैक्स जमा होने के बाद सिस्टम में तुरंत अपडेट होना चाहिए, ताकि दोबारा बिल न बने. लोगों की यह भी मांग है कि टैक्स से जुड़ी शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन या ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाए, जहां करदाता अपना बिल चेक कर सकें और गलती होने पर तुरंत शिकायत दर्ज करा सकें. नगर निगम का यह मामला बरेली में चर्चा का विषय बन गया है.