Uttar Pradesh: बारिश से होमियोपैथिक कॉलेज हुआ तालाब में तब्दील…, 70 के दशक में बना था कॉलेज

गाजीपुर जनपद से बाढ़ की स्थिति भले ही खत्म हो गई हो लेकिन गाजीपुर का होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज अभी भी पानी से लबालब भरा हुआ है लेकिन यह पानी गंगा के बाढ़ का नहीं बल्कि बारिश के पानी का है जो प्रत्येक साल जुलाई और अगस्त के महीने में लगा रहता है और यह पानी थोड़ा बहुत नहीं घुटनों भर लगा होता है. जिसके चलते कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई के साथ ही साथ इसके अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

मौजूदा समय में भी कुछ ऐसा ही हालत है जिसके कारण पूरा का पूरा मेडिकल कॉलेज परिसर तालाब में तब्दील हो चुका है, और लोग छात्रों के पढ़ने वाले टेबल और बेंच पर पैर रखकर कॉलेज के ओपीडी में अपना इलाज करने के लिए पहुंचने को मजबूर है.

गाजीपुर का राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्रालय के द्वारा संचालित होता है और यह मेडिकल कॉलेज 70 के दशक में उच्च शिक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया था. लेकिन इस कॉलेज की विडंबना यह है कि पिछले करीब 8-10 सालों से यह बारिश के दिनों में पूरा का पूरा कॉलेज परिसर तालाब में तब्दील हो जाता है.

ताजा हालात की बात करें तो इस वक्त कॉलेज के मुख्य द्वार से घुसते ही पूरे कॉलेज परिसर में पानी भरा हुआ है वही कॉलेज का प्रशासनिक भवन छात्रों का चलने वाला क्लासरूम लैबोरेट्री पुस्तकालय अस्पताल हॉस्टल में पूरा पानी ही पानी है जिसके चलते इन दोनों यहां के छात्र जो नीट क्वालीफाई करने के बाद होम्योपैथिक विधा की पढ़ाई करने के लिए आते हैं मजबूरी में ऑनलाइन क्लास से पढ़ने को मजबूर है.

वहीं इसी कालेज परिसर में होम्योपैथिक के अस्पताल कभी संचालन किया जाता है लेकिन पानी भरने की वजह से अस्पताल भी पूरी तरह से पानी में डूब चुका है. वही इस अस्पताल परिसर में एकमात्र बिल्डिंग लेक्चर हाउस जिसमें पानी नहीं भरा है यहां पर कॉलेज प्रशासन के द्वारा ओपीडी का संचालन कराया जा रहा है जिसमें आने-जाने के लिए मरीज और डॉक्टर हेतु छात्रों के पढ़ने वाले डेस्क और बेंच लगाकर एक अस्थाई रूप से पुल बना दिया गया है और इसी पुल से लोगों का आवागमन होता है हालांकि स्कूल पर महिला और वृद्ध मरीज काफी डरे सहमे हुए आते हैं कई लोग तो इस गंदे पानी में गिर भी चुके हैं लेकिन जिला प्रशासन को इस पानी से कैसे निजात मिले इसकी सुध नहीं है.

ओपीडी के डॉक्टर अवध कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसी महीने 3 अगस्त की रात में जबरदस्त बारिश हुई और इस बारिश के बाद से ही पूरा कॉलेज परिसर तालाब में बदल चुका है, और इसका मुख्य कारण यह है कि कालेज परिसर थोड़ा गहरे में होने के कारण इसके ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं है साथ ही आसपास पहले कालोनी जहां से पानी का ड्रेनेज होता था वहां पर लोगों ने कब्जा कर लिया है या फिर मकान बना लिया है जिसके चलते आसपास के कॉलोनी का पानी भी इसी कॉलेज में आकर जमा हो जाता है जिसको लेकर इन लोगों ने सीडीओ सहित तमाम अधिकारियों को पत्राचार भी किया है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

हालांकि एक पंप जिला प्रशासन के द्वारा लगाया गया है लेकिन उससे भी पानी नहीं निकल रहा है उनकी बात माने तो यदि इस दो पंप लगाकर पानी निकल जाए तब भी काम से कम एक महीना पानी निकालने में लग जाएगा और यदि इस दौरान बारिश हो गया तो या फिर समय और भी बढ़ सकता है.

Advertisements
Advertisement