मुरैना. जिले की जौरा तहसील के गैपरी गांव की यह तस्वीर एक बार फिर सिस्टम की पोल खोलती नजर आ रही है. गांव में न तो श्मशान घाट की व्यवस्था है और ना ही टीनशेड की. यहां तो खुद से बल्ली के ऊपर टीन लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है. हाल ही में गैपरी गांव में एक दलित किसान बाबूलाल जाटव का आक्समिक निधन हो गया, जिसके बाद श्मशान ले जाने के लिए तैयारी कर ली गई. श्मशान ले जाते वक्त जहां एक ओर परिजनों को दलदली रास्ते से गुजरना पड़ा तो दूसरी ओर श्मशान घाट में टीनशेड और दाह संस्कार के लिए व्यवस्था न होने से काफी परेशान होना पड़ा.
मृतक के परिजनों का दर्द
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मृतक के परिजन राजेंद्र त्यागी ने कहा, ” पहले शमशान बना हुआ था लेकिन यहां से टीन शेड गायब हो गया और केवल जमीन बची है. वहीं रास्ता भी पूरी तरह से कीचड़ से भरा हुआ है और रास्ते में कांटे और पेड़ भी है जिससे हमें परेशानी होती है. इसकी शिकायत सरपंच और सचिव से भी की पर कुछ नहीं हुआ. मजबूरी में लोगों को बल्ली गाड़कर खुद टीन लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है.
एडीएम ने कहा–
इस मामले में एडीएम सीबी प्रसाद ने कहा, ” शासन की ओर से ग्राम पंचायतों में श्मशान बनवाएं जाते हैं. ये काम जनपद का होता है. गेपरी गांव में जगह है लेकिन टीनशेड नहीं है, जैसी आपने पुष्टि की है. इसके लिए जिला पंचायत विभाग को बोला जाएगा की वहां टीनशेड की व्यवस्था की जाए.”