प्रतापपुर में भ्रष्ट अफसर की तैनाती पर पंचायत प्रतिनिधियों का हंगामा, मुख्य सचिव को चिट्ठी

 

सूरजपुर : जिला का आकांक्षी ब्लॉक प्रतापपुर, अधिकारियों-कर्मचारियों के समर्पित प्रयासों से विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है.यही कारण है कि राज्य शासन द्वारा इस ब्लॉक को गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया.लेकिन, अब इस जनपद की कमान ऐसे अधिकारियों को सौंपी जा रही है जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं.

प्रतापपुर जनपद पंचायत में पहले ईडी के आरोप में घिरे मुख्य कार्यपालन अधिकारी मिर्जा की नियुक्ति की गई थी, जिन्हें बाद में ईडी ने गिरफ्तार भी किया.इसके बाद यहां पदस्थ डॉ. नृपेंद्र सिंह ने जनपद के कार्यों में तेजी लानी शुरू की, परंतु उनका ईमानदार प्रयास ज्यादा दिन टिक नहीं पाया और कुछ ही महीनों में उनका स्थानांतरण कर दिया गया.

अब प्रतापपुर जनपद पंचायत का दायित्व जय गोविंद गुप्ता को सौंपा गया है, जबकि उन पर जनपद पंचायत मैनपाट में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के आरोप में थाना कमलेश्वरपुर में अपराध क्रमांक 55/24, धारा 420 व 409 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज है.

ऐसे में एक ओर जहां शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सक्षम नेतृत्व की जरूरत है, वहीं भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे अफसरों की पदस्थापना से आमजन और प्रतिनिधियों में रोष है.

प्रतापपुर जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सुखमनिया सिंह समेत पंचायत प्रतिनिधियों और जनपद सदस्यों ने मुख्य सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग, रायपुर को पत्र लिखकर जय गोविंद गुप्ता की पदस्थापना का विरोध किया है और उन्हें तत्काल हटाने की मांग की है.

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