मऊगंज : साइबर ठगी के नए-नए तरीकों ने अब स्थानीय व्यापारियों को भी अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया है.ताजा मामला मऊगंज जिले के सीधी रोड वार्ड नंबर 03 बरहटा निवासी पानी व्यापारी सत्यनारायण गुप्ता के साथ सामने आया है.मेहनत की गाढ़ी कमाई महज कुछ मिनटों में ठगों के हाथ चली गई. नकली जेलर बनकर साइबर ठगों ने उन्हें 200 पेटी पानी सप्लाई का ऑर्डर दिया और 1 लाख 70 हजार रुपए की ठगी को अंजाम दे दिया.
कैसे हुई ठगी की वारदात
14 अगस्त को सत्यनारायण गुप्ता के मोबाइल पर एक कॉल आया.कॉलर ने खुद को मऊगंज उप जेल का जेलर बताते हुए कहा कि 15 अगस्त के आयोजन के लिए जेल में 200 पेटी पानी की तत्काल आवश्यकता है.व्यापारी ने तुरंत पिकअप वाहन में पानी लोड कर जेल गेट तक पहुंचा दिया.वहां पहुंचने के बाद उसी कथित जेलर ने फोन कर कहा कि जब तक गेट पास और कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक जेल के अंदर प्रवेश संभव नहीं है। उसने सत्यनारायण से पिकअप और पानी की तस्वीरें व्हाट्सएप पर भेजने को कहा.
कुछ देर बाद नकली जेलर ने बैंक मैसेज जैसा एक फर्जी एसएमएस भेजा, जिसमें 90 हजार रुपए ट्रांसफर होने की बात लिखी थी.इसके बाद उसने फोन कर कहा कि 5000 की जगह गलती से 90 हजार रुपए ट्रांसफर हो गए हैं, इसलिए तुरंत 85 हजार वापस भेजिए.व्यापारी ने बिना खाता चेक किए 85 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए.
इसके बाद ठग ने फिर दूसरा फर्जी मैसेज भेजकर कहा कि दोबारा खाते में पैसे चले गए हैं.इस बार सत्यनारायण ने उधार लेकर फिर 85 हजार रुपए ठग के खाते में भेज दिए। कुल मिलाकर व्यापारी से 1 लाख 70 हजार रुपए ठग लिए गए.
जब खुला धोखे का राज
काफी देर इंतजार के बाद जब न तो गेट पास बना और न ही कोई कॉल आया, तो सत्यनारायण ने दोबारा फोन लगाया लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ मिला.इसके बाद पीड़ित व्यापारी सीधे मऊगंज थाने पहुंचा और पूरी घटना की जानकारी दी.
पीड़ित सत्यनारायण गुप्ता का कहना है कि मेहनत से कमाए गए रुपए ठगों के पास चले गए हैं.अब पुलिस से उम्मीद है कि आरोपी पकड़ में आएंगे और उनकी रकम वापस मिलेगी.