जयवर्धन सिंह को कांग्रेस गुना कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर राघौगढ़ कांग्रेस कार्यकर्ता नाखुश नजर आ रहे हैं। गुस्साए समर्थकों ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला फूंका। सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यकर्ता पार्टी के फैसले की आलोचना करते हुए जयवर्धन सिंह की छवि को धूमिल करने का आरोप लगा रहे हैं। कार्यकर्ता अपनी पोस्ट में कह रहे हैं कि प्रदेश का नेतृत्व करने वाले नेता को जिला तक सीमित करना अन्यायपूर्ण है। आलाकमान को इस बारे में दोबारा सोचना चाहिए।
डैमेज कंट्रोल के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने किया ट्वीट
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का डैमेज कंट्रोल के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस परिवार के जांबाज साथियों, अब हमें मिलकर संगठन सृजन अभियान के अगले पड़ाव की ओर कदम बढ़ाना है! कांग्रेस के विचार और संस्कार को जन-जन तक, पंचायतों तक लेकर जाना है!
सभी के सर्वश्रेष्ठ योगदान से ही सशक्त संगठन एमपी में कांग्रेस की पहचान है! संगठन निर्माण की इस प्रकिया में चयन से वंचित रहे साथियों को शीघ्र ही नई जिम्मेदारी दी जाएगी! अगले मोर्चे के लिए भी हमें जी-जान से जुटकर तैयारी करनी है! जन-मन/घर-घर तक कांग्रेस की रीति-नीति को पहुंचाना है! सिर्फ एक लक्ष्य कि 2028 में कांग्रेस सरकार बनाना है! एक बार पुनः बधाई और अग्रिम शुभकामनाएं!
कांग्रेस में जान फूंकने जयवर्धन को सौंपी जिलाध्यक्ष की कमान
कांग्रेस ने शनिवार को जिलाध्यक्षों की सूची जारी की। इसमें राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह को गुना जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। इससे कांग्रेसजन न केवल उत्साहित हैं, बल्कि पार्टी के इस कदम को कांग्रेस में जान फूंकने वाला बताया जा रहा है। खास बात यह कि 14 साल पहले उन्होंने जनता का भरोसा जीता, जिसके बाद राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई थी। इस तरह वे जानते हैं कि जनता से जुड़ाव के बिना संगठन मजबूत नहीं हो सकता, जिसकी ओर समय-समय पर जयवर्धन कांग्रेसजनों को इशारा भी करते रहे हैं।
दरअसल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष चुनने से पहले पार्टी ने लगभग दो माह पहले जिले में आब्जर्वर भेजे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से न केवल मुलाकात की थी, बल्कि रायशुमारी कर फीडबैक भी लिया था। गुना जिले में भी आब्जर्वर हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे थे और रायशुमारी की थी। इसी क्रम में शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी गई। इसमें गुना जिलाध्यक्ष की कमान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को सौंपी गई है। इससे कांग्रेसजन उत्साहित हैं, क्योंकि जयवर्धन (जेबी) की स्वीकार्यता पार्टी में सभी के बीच है।
14 साल पहले जनता का विश्वास जीतकर मिला राजनीति में प्रवेश
बता दें कि जयवर्धन सिंह 14 साल पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत वापस लौटे, तो उन्होंने 2011 में पिता दिग्विजय सिंह के समक्ष राजनीति में आने की मंशा जताई, लेकिन पिता नहीं चाहते थे कि वे राजनीति में आएं। इस पर नाखुश बेटे जयवर्धन ने राजनीति में न केवल अच्छा, बल्कि सफल होने की बात कही, तो पिता ने शर्त रखी कि पहले राघौगढ़ की जनता के साथ सात दिन व्यतीत करें, हर परिवार से मिलकर उनकी बात सुनें। यदि क्षेत्र की जनता ने अपना लिया, तो राजनीति में आ सकते हो। इसके बाद जयवर्धन ने पदयात्रा शुरू की क्षेत्र की जनता का विश्वास जीता, जिसके बाद ही उनका राजनीति का सफर शुरू हुआ था।