दूध मिलावट के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले घातक असर को लेकर केंद्र सरकार के पास कोई स्पेसिफिक स्टडी रिपोर्ट तक नहीं है। दौसा से कांग्रेस सांसद मुरारीलाल मीणा के सवाल के जवाब में केंद्रीय पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल के जवाब से यह खुलासा हुआ है। बघेल ने सवाल के जवाब में बताया- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से दी गई जानकारी के अनुसार दूध में मिलावट के कारण आम जनता के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए कोई स्पेसिफिक अध्ययन नहीं किया गया है। सरकार के पास इसे लेकर स्टडी रिपोर्ट नहीं है।
केंद्रीय डेयरी राज्य मंत्री के जवाब के मुताबिक नकली और मिलावटी दूध के मामले बढ़ने के पीछे कम उत्पादन कारण नहीं है। कम उत्पादन के कारण नकली और मिलावटी दूध के मामले नहीं बढ़ रहे हैं। राजस्थान में पर्याप्त दूध उपलब्ध है।
राजस्थान में मांग को पूरा करने के लिए पूरा दूध, प्रति व्यक्ति 1171 ग्राम दूध उपलब्ध, जबकि राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम
केंद्रीय पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने बताया- साल 2023-24 के दौरान देश में दूध का अनुमानित उत्पादन 239.3 मिलियन टन है। साल 2023-24 के दौरान 34.73 मिलियन टन दूध उत्पादन के साथ राजस्थान देश में दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है। इस दौरान राजस्थान में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1171 ग्राम प्रतिदिन है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 471 ग्राम प्रतिदिन है। राजस्थान में दूध उत्पादन कुल मिलाकर मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
दूध हाई रिस्क वाला फूड प्रोडक्ट, फेस्टिवल सीजन में विशेष जांच अभियान
मंत्री ने जवाब में बताया- भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने जोखिम आधारित निरीक्षण प्रणाली (RBIS) के तहत दूध और दूध से बने उत्पादों को उच्च जोखिम (हाई रिस्क) वाले फूड प्रोडक्ट के तौर पर रखा है। राष्ट्रीय वार्षिक निगरानी योजना (NASP) के तहत जोखिम आधारित सैंपलिंग पर विशेष जोर दिया गया है। अधिक मांग और त्योहारों के दौरान छापेमारी और निगरानी अभियान चलाए जाते हैं। साल 2024-25 में फेस्टिवल सीजन के दौरान दिवाली से पहले सितंबर 2024 में और होली से पहले फरवरी 2025 में विशेष अभियान चलाए गए थे।