सीपी राधाकृष्णन को निर्विरोध उपराष्ट्रपति बनाने की कोशिश में बीजेपी, राजनाथ सिंह ने इस नेता से की बात

एनडीए ने तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. इसी के बाद सुत्रों के मुताबिक सामने आया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के लिए समर्थन मांगा

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव 9 सितंबर को होंगे. सूत्रों के अनुसार, एनडीए की ओर से यह चुनाव राजनाथ सिंह की देखरेख में होगा. उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को चुनाव एजेंट बनाया गया है.

निर्विरोध VP बनाने की कोशिश में बीजेपी

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए एनडीए ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया. यह घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद की. बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि पार्टी आम सहमति और निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष से संपर्क करेगी. जेपी नड्डा ने कहा, हम विपक्ष से भी बात करेंगे। हमें उनका समर्थन भी मिलना चाहिए ताकि हम मिलकर उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित कर सकें.

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?

राधाकृष्णन फिलहाल महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं. इससे पहले उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में काम किया. उन्होंने मार्च और जुलाई 2024 के बीच तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला. वरिष्ठ बीजेपी नेता राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए और इससे पहले तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

राधाकृष्णन 16 साल की उम्र में जनसंघ से जुड़े थे. इसी के बाद वो कॉलेज के दिनों से राजनीति से जुड़ गए. राष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होंगे और उसी दिन वोटों की गिनती भी होगी. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है, जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं.

धनखड़ ने दिया इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया था. इसी के बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया था. पद खाली होने के बाद अब फिर से चुनाव कराए जा रहे हैं. एनडीए इसी के चलते अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर लगाती दिख रही है.

Advertisements
Advertisement