दुर्ग रेलवे स्टेशन से 18 माह के अपहृत मासूम को शासकीय रेल पुलिस (जीआरपी) दुर्ग ने आरपीएफ व चाईल्ड लाइन की मदद से तमिलनाडु से सकुशल बरामद कर लिया है। मामले में आरोपित अरुमुगम (45 वर्ष) निवासी चंद्रन स्ट्रीट, तिरूनिलपुडी, तंजावूर (तमिलनाडु) को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि आरापित ने पूर्व में इस तरह कितने बच्चों का अपहरण किया है।
जीआरपी उप पुलिस अधीक्षक एसएन अख्तर ने बताया कि दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बीते 26 जुलाई की रात 18 माह का बच्चा गायब हो गया था। जीआरपी के अनुसार सूर्या मानिकपुरी अपनी पत्नी सोनू मानिकपुरी अपने दो बच्चे जिनकी उम्र क्रमश: तीन वर्ष की बेटी व 18 माह के बेटा के साथ दुर्ग रेलवे स्टेशन स्थित टिकट बुकिंग काउंटर के पास सो रहे थे। सुबह करीब पौने चार बजे नींद खुलने पर सूर्या ने देखा कि 18 माह का बेटा गायब है। इसकी सूचना जारआरपी दुर्ग को दी गई। जीआरपी ने अपहरण का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की।
बताया जाता है कि स्टेशन में सारे सीसीटीवी फूटेज खंगाले गए। इस पर एक संदिग्ध व्यक्ति को 22974 पुरी-गांधीधाम एक्सप्रेस की जनरल बोगी में बच्चे को लेकर चढ़ते हुए देखा गया। इसके आधार पर गोंदिया, भंडारा, नागपुर सहित कई स्टेशनों के फुटेज देखे गए। नागपुर स्टेशन में आरोपित को बच्चे के साथ उतरते, कपड़े खरीदते और फिर ट्रेन संख्या 12591 गोरखपुर एक्सप्रेस में चढ़ते हुए देखा गया। ट्रेन में संदेहास्पद स्थिति में रोते बच्चे को देखकर पेंट्रीकार कर्मियों ने चंद्रपुर आरपीएफ को सूचना दी। चाईल्ड लाइन की मदद से आरोपित से पूछताछ की गई, जिसमें आरोपी ने बच्चे को अपना बेटा बताया और आधार कार्ड दिखाकर उसे अपने साथ ले गया। इस दौरान आरपीएफ ने आरोपित के आधार कार्ड की फोटो खींच ली थी।
जीआरपी के डीएसपी एसएन अख्तर ने बताया कि संदिग्ध का लोकेशन ट्रेस करने पर उसका पता तमिलनाडु के तंजावूर का मिला। इसके बाद रेल पुलिस अधीक्षक रायपुर श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा के मार्गदर्शन में उप निरीक्षक जनकलाल तिवारी के नेतृत्व में टीम वहां रवाना की गई। उनके साथ बच्चे की मां को भी भेजा गया। वहां पतासाजी के बाद आरोपित अरुमुगम को पकड़ा गया। बच्चा वहां मां को देखते ही उससे लिपट गया था। बच्चे के माता पिता सूर्या-सोनू मानिकपुरी मजदूर वर्ग के हैं और स्टेशन परिसर के आसपास ही रहते हैं। जीआरपी के द्वारा आरोपी अरुमुगम को 10 अगस्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।