प्रतापपुर में बवाल! जनप्रतिनिधियों ने गेट पर जड़ा ताला, सीईओ हटाने की मांग

 

सूरजपुर : आकांक्षी ब्लॉक प्रतापपुर, जिसे आदर्श जनपद के रूप में पहचान मिलनी चाहिए थी, वहां भ्रष्टाचार और विवादित अधिकारियों की नियुक्ति ने एक बार फिर बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है.शासन-प्रशासन की कार्यशैली और अपनी ही सरकार के आदेशों की खुलेआम अनदेखी ने अब जनप्रतिनिधियों को उग्र आंदोलन की राह पर ला दिया है.

 

आज जनपद अध्यक्ष सुखमनिया आयाम के नेतृत्व में जनपद सदस्य, सरपंच, जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचे और मुख्य गेट पर ताला जड़कर धरने पर बैठ गए. प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्ट सीईओ जय गोविंद गुप्ता के खिलाफ जमकर “सीईओ हटाओ, प्रतापपुर बचाओ” और “भ्रष्टाचार बंद करो” के नारे लगाए.

धरने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक हलचल तेज हो गई और किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मौके पर पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी.पूरे परिसर में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है.

 

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्रतापपुर जनपद की छवि पहले ही गंभीर रूप से धूमिल हो चुकी है.ईडी प्रकरण में गिरफ्तार मिर्जा साहब की नियुक्ति ने जनपद को शर्मसार किया था.बाद में डॉ. नृपेंद्र सिंह ने पारदर्शिता लाकर जनपद को पटरी पर लाने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही महीनों में उनका तबादला कर फिर से विवादित अधिकारी को प्रतापपुर की कमान सौंप दी गई.

 

वर्तमान सीईओ जय गोविंद गुप्ता पर पहले से ही गंभीर आरोप हैं.जनपद पंचायत मैनपाट में प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि गबन का मामला दर्ज है और यह प्रकरण उच्च न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन है.ऐसे अधिकारी की नियुक्ति ने प्रतापपुर की गरिमा और विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं.

 

धरना स्थल पर मौजूद जनप्रतिनिधियों ने साफ कहा —
“अब धैर्य की सीमा खत्म हो चुकी है.विवादित सीईओ हटाओ, प्रतापपुर बचाओ आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है.यदि शासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो बड़ा जनआंदोलन होगा और राजनीतिक माहौल और भी गरमाएगा.”

ग्रामीणों और सरपंचों का कहना है कि प्रतापपुर की पहचान भ्रष्टाचार नहीं बल्कि विकास और पारदर्शिता से होनी चाहिए.यदि शासन वास्तव में आकांक्षी ब्लॉक को विकास की दिशा में आगे ले जाना चाहता है, तो सबसे पहले विवादित सीईओ को हटाकर ईमानदार और निष्पक्ष अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी.

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