धार्मिक कट्टरवाद से जूझ रहे बांग्लादेश के हिन्दुओं के जख्म पर मरहम लगाया लगाया है वहां के आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमां ने. जन्माष्टमी के मौके पर राजधानी ढाका में आयोजित एक भव्य धार्मिक रैली में जनरल वकार उज जमां पहुंचे. उन्होंने दोहराया कि बांग्लादेश सभी धर्मों और समुदायों के लोगों का समान रूप से है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बल हमेशा शांति, सुरक्षा और सद्भाव की रक्षा के लिए नागरिकों के साथ खड़े रहेंगे.
ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनरल वकार उज जमां का ये संदेश जहां हिन्दुओं के लिए भरोसे की गारंटी की तरह आया वहीं आर्मी चीफ का ये बयान भारत के इस पड़ोसी मुल्क के कट्टरपंथी तत्वों को एक संदेश भी था. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं.
बांग्लादेश की सेना ने कृष्ण जन्माष्टमी पर साम्प्रदायिक सौहार्द्र का अनूठा परिचय दिया और इस कार्यक्रम में न सिर्फ बांग्लादेश के आर्मी चीफ पहुंचे, बल्कि नौसेना प्रमुख एडमिरल एम नजमुल हसन और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान भी मौजूद थे. इसके अतिरिक्त पलाशी चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में 9वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल मोहम्मद मोइन खान भी उपस्थित थे.
यह देश सबका है, यहां कोई विभाजन नहीं होगा
आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमां ने कहा कि वे यहां आकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, ‘यह सद्भाव का बांग्लादेश है जहां हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, जनजातीय समुदाय और बंगाली सदियों से शांतिपूर्वक एक साथ रहते आए हैं. इस शुभ दिन पर हमारी प्रतिज्ञा इस सद्भाव और भाईचारे को सदैव बनाए रखने की होनी चाहिए.”
हिन्दुओं और बौद्धों को निशाना बनाने वाले बांग्लादेशी इस्लामिक कट्टरपंथियों को सख्त संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि, ‘यह देश सबका है. यहां कोई विभाजन नहीं होगा – न धर्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न पंथ के आधार पर. हम सभी इस भूमि के नागरिक हैं और हम सभी का इस पर समान अधिकार है. हम सब मिलकर एक सुनहरे भविष्य की आशा करते हैं.’
जनरल वकार ने जोर देकर कहा कि नौसेना और वायु सेना सहित सशस्त्र बल एकता की इस भावना को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, “पूरे बांग्लादेश में सशस्त्र बल आपके समर्थन के लिए तैनात हैं…”
आर्मी चीफ ने कहा कि भगवान कृष्ण उनकी शिक्षाएं यहां से हर जगह फैलें और हमें शांति और एकता के साथ रहने के लिए प्रेरित करें.” एडमिरल नजमुल हसन ने भी इसी भावना को दोहराते हुए कहा कि जन्माष्टमी एक धार्मिक त्यौहार से कहीं अधिक है. यह शांति, सद्भाव और मानवता का आह्वान है.
बढ़ रही हैं हिन्दुओं पर हमले की घटनाएं
बता दें कि 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद बांग्लादेश में हिन्दुओं पर, हिन्दू मंदिरों पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं. अगस्त 2024 से जून 2025 के बीच 2,442 घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें हत्या, मंदिरों पर हमले, तोड़फोड़ और आगजनी शामिल हैं.
इन हमलों में 23 हिंदुओं की जानें गईं और कम-से-कम 152 मंदिरों पर हमले हुए हैं. इनमें 1 मार्च 2025 को सिराजगंज में मां सरस्वती की मूर्ति तोड़ी गई, 5 मई 2025 को मदरिपुर में प्रसिद्ध शिव मंदिर को नष्ट किया गया, 27 मई 2025 को माणिकगंज के घुना-सदरपाड़ा इलाके में काली मंदिर पर हमला और आगजनी की गई.
राजनीतिक उथल-पुथल और सरकार की निष्क्रियता के कारण बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है. जन्माष्टमी में सेना की यह भागीदारी कट्टरपंथी तत्वों जैसे जमात-ए-इस्लामी और छात्रों की नई गठित पार्टी नेशनल सिटिजन्स पार्टी, अंसार उल बांग्ला को चेतावनी है जो अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं.
मोहम्मद यूनुस ने भी दी शुभकामनाएं
इस बीच बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भी जन्माष्टमी पर हिन्दू समुदाय को शुभकामनाएं दी है. गौरतलब है कि मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में मंदिरों और हिन्दुओं पर हो रहे हमले को लेकर ठंडी प्रतिक्रिया दी है. बांग्लादेश के हिंदू संगठन सरकार से असंतुष्ट नजर आते हैं. आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमां का जन्माष्टमी कार्यक्रम में दो अन्य दिग्गज सैन्य अफसरों के साथ शामिल होना भी सरकार को एक संदेश है.