संविधान के प्रिएंबल से ये दो शब्द डिलीट कराना चाहते हैं कुंडा विधायक! राजा भइया ने बताई वजह

उत्तर प्रदेश की कुंडा सीट विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और सेक्युलर शब्द हटाने की मांग की है. राजा भैया ने एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही. उन्होंने कहा कि इन शब्दों को हटाने के बाद ही संविधान मूल रूप में आ पाएगा.

कुंडा विधायक ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में संविधान को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे संविधान की प्रस्तावना का जो मूल रूप है वहीं स्वरूप होना चाहिए. हमारा कहना है कि समाजवाद और सेक्युलर शब्द डिलीट करेंगे तभी तो संविधान मूल भावना में आएगा.

राजा भैया ने दी ये दलील

राजा भैया ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जिन विद्वानों ने संविधान को लिखा.. उसकी रचना की और से बनाया उन्होंने इन शब्दों को उसमें सम्मिलित नहीं किया. इमरजेंसी के समय में इंदिरा गांधी ने प्रस्तावना में संशोधन कर दिया. उन्होंने सवाल किया कि क्या इंदिरा गांधी बाबा साहब या सरदार पटेल से बड़ी विद्वान हो गईं थी? क्या इसे तानाशाही नहीं कहा जाएगा.

राजा भैया ने कहा कि जिन देशों में संविधान हैं वहां हर संविधान की एक प्रस्तावना होती है. ये प्रस्तावना देश के संविधान की मूल भावना होती है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप समाजवाद नहीं चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस समाजवादी चाहती थी. उनका तो इससे छत्तीस का आंकड़ा है और समाजवादी सोच के डीएनए में कांग्रेस विरोध है.

सपा ने किया तीखा हमला

वहीं राजा भैया के इस बयान पर विरोधी दलों से भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आने लगी हैं. समाजवादी पार्टी ने राजा भैया के इस बयान को लेकर उन पर निशाना साधा. सपा ने ये वीडियो शेयर कर कहा कि बीजेपी जो करना चाहती है वो अपने समर्थित लोगों से कहलवा रही है.

सपा ने लिखा- ‘भाजपा नेता लल्लू सिंह ने भी संविधान परिवर्तन की बात की थी, अब भाजपा समर्थक प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी विधायक भी यही बात कह रहे. भाजपा जो बात करना चाहती है वो पहले अपने विधायकों से कहलवा रही थी और अब अपने समर्थित लोगों से कहलवा रही है.’

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